देहरादून। संवाददाता। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भारत सरकार के आर्थिक मामलों की स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा राज्यहित से जुड़ी दो परियोजनाओं एकीकृत बागवानी विकास तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम(एमएसएमई) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय संसाधनों के विकास पर आधारित उद्यमों को प्रोत्साहन हेतु कुल रू.1300 करोड़ की स्वीकृति प्रदान करने के लिये भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि शीघ्र ही पर्वतीय कृषि विकास से संबन्धित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये भी लगभग रू.550 करोड़ की मंजुरी मिल जोयगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि बागवानी के विकास हेतु निर्धारित रू.700 करोड़ की धनराशि से प्रदेश में स्वीकृत बागवानी विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आयेगी जबकि रू.600 करोड़ की धनराशि से प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम(एमएसएमई) के तहत स्थानीय संसाधनों पर आधारित उद्यमों को बढ़ावा मिल सकेगा। इससे बागवानी से जुड़े कृषकों व कास्तकारों एवं छोटे उद्यमियों व स्वरोजगारियों के आर्थिक उन्नयन में मदद मिलेगी। इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से ग्रामीण आर्थिकी के विकास एवं युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने में भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इन योजनाओं के अतिरिक्त पर्वतीय कृषि के विकास से सम्बन्धित परियोजनाओं के लिये लगभग रू.550 करोड़ की वित्तीय मदद के प्रस्ताव विचाराधीन हैं। उम्मीद है इसकी भी शीघ्र स्वीकृति प्राप्त हो जायेगी। इस धनराशि की मदद से परम्परागत कृषि को बढ़ावा मिल सकेगा, साथ ही किसानों की आय को दुगना करने के लक्ष्य को भी हासिल करने में भी निश्चित रूप से मदद मिल सकेगी।
इस सम्बंध में निदेशक उद्यान डाॅ.वीएस नेगी ने बताया कि दिल्ली में वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के अधीन विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं के तहत राज्य में बागवानी के विकास के लिये रू.700 करोड़ तथा ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिये रू.600 करोड़ की योजनाओं पर सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है जबकि पर्वतीय कृषि विकास से सम्बन्धित परियोजनाओं के लिये प्रस्तावित लगभग रू.550 करोड़ भी मंजूरी, स्क्रीनिंग कमीटी की शीघ्र आयोजित होने वाली आगामी बैठक में प्राप्त होने की पूर्ण सम्भावना है।