देहरादून। संवाददाता। सड़कों की दोनों तरफ बेतरतीब निर्माण रोकने के लिए रोड साइड लैंड कंट्रोल एक्ट बना है। मगर, लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन इस एक्ट का पालन नहीं करा पा रहे हैं। नतीजतन अतिक्रमण व अव्यवस्थित निर्माण जैसी समस्याएं सड़क तक पसर गई हैं।
उत्तर प्रदेश रोड साइड लैंड कंट्रोल एक्ट राज्य में भी लागू है। सरकार ने कैबिनेट में इस एक्ट को लाते हुए 2014 में नई शर्तों के साथ कड़ाई से लागू करने के आदेश जारी किए। मगर, एक्ट को लागू कराने में लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन लापरवाह बने हुए हैं। पहाड़ी जिलों को छोड़ दें तो राजधानी में भी यह एक्ट मृतप्राय बना हुआ है। नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और जिला मार्गों को लेकर यह एक्ट प्रभावी है।
इसमें सड़क की अधिग्रहित चैड़ाई के बाद दोनों तरफ की निजी और सरकारी जमीन का पांच-पांच मीटर हिस्सा एक्ट के अधीन है। इस हिस्से में कोई भी निर्माण बिना अनुमति और एक्ट के पालन के नहीं हो सकता है। लोनिवि से एनओसी के बाद जिला प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ती है। एक्ट में स्पष्ट है कि बिना अनुमति के निर्माण को प्रशासन ध्वस्त कर सकता है। लेकिन, तंत्र की उदासीनता के चलते यह एक्ट राज्य में प्रभावी रूप नहीं ले पाया है।
यहां एक्ट का उल्लंघन
हरिद्वार, ऋषिकेश, सहारनपुर हाईवे के अलावा सहारनपुर-राजपुर रोड, हरिद्वार स्टेट हाईवे, त्यागी रोड, पलटन बाजार, चकराता रोड आदि व्यस्ततम सड़कों पर भी इस एक्ट का पालन नहीं हो रहा है।
उत्तराखंड लोनिवी के एचओडी एचके उप्रेती ने बताया कि सड़क के दोनों तरफ यह एक्ट प्रभावी रूप से लागू है। इसके तहत कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता। राज्य में यह पूरी तरह से लागू है। पालन क्यों नहीं हो रहा, इसके बारे में जानकारी नहीं है। इस मामले में जिलों से रिपोर्ट मांगी जाएगी।
जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन ने बताय कि एक्ट का पालन कराने में लोनिवि की अहम भूमिका है। इसको प्रभावी रूप से लागू किया जाना चाहिए। इस संबंध में लोनिवि से रिपोर्ट मांगी जाएगी। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।