देहरादून। संवाददाता। आमतौर पर घर आंगन की शोभा बढ़ाने वाले फूल अब आर्थिकी बढ़ाने का जरिया बन रहे हैं। यही वजह है कि गांवों में किसान फूलों की व्यवसायिक खेती करने लगे हैं। अच्छे दामों पर बिकने से गेंदा और गुलाब के फूलों की खेती फायदेमंद साबित हो रही है।
हरिपुरकलां और चकजोगीवाला गांव में गेंदा फूल की व्यवसायिक खेती हो रही है। लगभग तीन माह में तैयार होने वाले इन फूलों को उगाने से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है। किसानों की माने तो अन्य खेती के मुकाबले फूल की खेती में अच्छी आमदनी होती है। खास बात यह है कि बेचने के लिए बाजार की तलाश भी नहीं करनी होती, बल्कि हरिद्वार और ऋषिकेश में फूलों के बड़े विक्रेता खेतों से ही इनको खरीद कर ले जाते हैं।
इनके उत्पादन में रासायनिक खाद की बजाए हरी और गोबर की खाद का प्रयोग होता है। इससे पर्यावरण भी सुरक्षित रहता है। फूलों का कारोबार कर रहे विनोद कुमार, किरण धमांदा, बलदेव प्रकाश, राजपाल असवाल, होशियार ¨सह, महिपाल असवाल, नारायण दत्त गौड़, वेदपाल ने बताया कि इस बार त्योहारी सीजन में फूलों की अधिक मांग रही। इस दौरान गेंदा फूल 200 रुपये प्रति किलो तक बिका। उनका कहना है कि आर्गेनिक विधि से की जाने वाली यह खेती किसानों के लिए फायदेमंद होने के साथ आसपास के वातावरण को शुद्ध और सुगंधित बनाती है।
लाभदायक है फूलों की खेती
कम जगह पर अधिक पैदावार होने से फूलों की खेती अधिक फायदेमंद है। किसान बताते हैं कि पहली तोड़ में एक बीघा खेत में करीब दो से ढाई ¨क्वटल फूल निकलते हैं। ऑफ सीजन में भी गेंदे का फूल 70 से 80 रुपये प्रति किलो तक बिक जाता है। शादी, धार्मिक आयोजन, दीपावली त्योहार व अन्य उत्सव के समय में मांग बढ़ने के साथ ही इनकी कीमत भी बहुत अधिक बढ़ जाती है।फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर प्रदर्शनी लगाई जाती है। विभाग की योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुंचाई जाती है। उन्नत बीज और दवा आदि की मदद कर किसानों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।