देहरादून। संवाददाता। दून को आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने के लिए उत्तराखंड पशु कल्याण बोर्ड एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) कार्यक्रम तो चला रहा है, लेकिन इसके लिए एक अदद वेटरनरी एक्सपर्ट (पशु चिकित्सक) नहीं तलाश पा रहा है। इसके लिए बाकायदा एक अमेरिकी संस्था के पशु चिकित्सकों की मदद ली जा रही है। बोर्ड संस्था कोएक कुत्ते की नसबंदी के लिए 840 रुपये का भुगतान कर रहा है।
दरअसल, देहरादून में कुत्ते के काटने के औसतन 20 से 25 मामले प्रतिदिन आ रहे हैं। इन हालात को देखते हुए वर्ष 2016 में नैनीताल हाईकोर्ट ने आवारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण के लिए नसबंदी के निर्देश दिए थे और तय किया था कि प्रतिवर्ष अनिवार्य तौर पर 8400 केस किए जाने चाहिए। नवंबर 2016 में पशु कल्याण बोर्ड ने नगर निगम की मदद से अभियान शुरू किया। पशु कल्याण बोर्ड के संयुक्त निदेशक शरद भंडारी ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों की संख्या करीब 25 हजार है।
उन्होंने बताया कि बोर्ड के पास कोई एक्सपर्ट वेटरनरी स्टाफ नहीं है। इसीलिए नसबंदी के लिए अमेरिकन संस्था स्ट्रे डॉग बर्थ कंट्रोल सोसायटी की मदद ली जा रही है। सोसायटी के साथ अनुबंध किया गया है। अनुबंध के तहत उन्हें एक कुत्ते के लिए 840 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल जनवरी से नवंबर तक 7385 कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। इसके लिए सोसायटी को करीब 62 लाख का भुगतान किया जा चुका है।