देहरादून। संवाददाता। राष्ट्रीय पैरालंपिक वॉलीबॉल प्रतियोगिता में हिस्सा ले रही उत्तराखंड की तीन महिला खिलाड़ी पहली बार ट्रेन में बैठीं। कुमाऊं के सुदूर गांव की रहने वाली ये महिलाएं पहली बार अपने गृह जिले से बाहर निकली हैं। गुरुवार को जब यह तीन महिला खिलाड़ी ट्रेन से दून पहुंची तो उनके चेहरे पर अलग ही खुशी झलक रही थी। खटीमा की रहने वाली राधा, बाजपुर की गंगावती और रामनगर की रजनी के दोनों पैर नहीं हैं। पोलिया ग्रस्त ये महिलाएं आज तक अपने गृह जिले से बाहर नहीं निकलीं।
पैरालंपिक एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के सचिव प्रेम कुमार ने बताया कि करीब सात महीने पहले से सिटिंग वॉलीबॉल प्रतियोगिता के लिए तैयारी शुरू कर दी गई थी। बाजपुर में कैंप लगाया गया था और गांव-गांव जाकर वहां के स्थानीय लोगों को खेलों की जानकारी दी गई। इन तीनों महिलाओं के अभिभावकों ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों पर विश्वास जताकर बेटियों को कैंप में भेजा। प्रेम ने बताया कि हल्द्वानी से इन खिलाड़ियों को काठगोदाम एक्सप्रेस से बुधवार सुबह दून लाया गया। पहली बार ट्रेन में बैठकर वे बेहद खुश नजर आईं।