केंद्रीय मंत्री डा. हर्षवर्धन ने किया पं. दीनदयाल उपाध्याय विज्ञान ग्राम संकुल परियोजना का उद्घाटन

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पलायन रोकने को चार कलस्टर 
देहरादून  :  उत्तराखण्ड में आजीविका के माध्यम से पलायन रोकने एवं स्थिरता प्रदान के लिए प्रदेश में चार संकुल या कलस्टरों का चयन किया गया है। इन चार कलस्टरों में 62 गांव शामिल हैं। इसमें हरिद्वार के गंडीखाता कलस्टर में 24 गांव, रुद्रप्रयाग के बजीरा कलस्टर में 16 गांव, टिहरी के भिगुन कलस्टर में 10 गांव एवं अल्मोड़ा के कौसानी कलस्टर में 12 गांवों को शामिल किया गया है।

इस परियोजना का उद्देश्य चयनित संकुल के लिए व्यापक विकास योजना, प्राकृतिक संसाधनों के आधार पर विकास योजना, तकनीकी मदद, उत्पादन की जानकारी एवं क्षेत्रीय परियोजनाओं के लिए क्षेत्र विस्तार की गतिविधियों और तकनीकी सहायता समूह की स्थापना करना है। इन संकुलों द्वारा मधुमक्खी पालन एवं मधु उत्पादन, मशरूम की खेती, सुगंधित एवं औषधीय पौधों की खेती, हस्तशिल्प और हथकरघा एवं आधुनिक नर्सरी की स्थापना आदि कार्य किए जाएंगे। 

शनिवार को केन्द्रीय विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री डा. हर्षवर्धन ने झाझरा स्थित यूकॉस्ट के विज्ञान धाम परिसर में पंडित दीनदयाल उपाध्याय विज्ञान ग्राम संकुल परियोजना का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत भी मौजूद थे। इस अवसर पर केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डा. हर्षवर्धन ने कहा कि स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के उद्देश्य से अभी चार कलस्टरों से इस परियोजना की शुरुआत की जा रही है। सरकार का उद्देश्य योजनाओं को धरातल पर लाकर समाज के गरीब एवं सुख-सुविधाओं से वंचित लोगों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कराना है। विज्ञान से जो परिणाम निकलते हैं, उनका जनहित से जुड़ा होना जरूरी है।

उत्तराखण्ड में कलस्टरों के विकास के लिए केन्द्र सरकार पूर्ण सहयोग देगी। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि विज्ञान वास्तव में गांवों में छिपा है, वह है अनुभव का विज्ञान। गांवों के विकास के लिए अनुभव के विज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक से जोड़ने की जरूरत है। यदि अनुभव के विज्ञान के साथ आधुनिक तकनीकी को जोड़कर कार्य किए जाएं, तो गांवों का विकास तेजी से होगा। किसानों को यह नहीं लगना चाहिए कि उनकी मेहनत का उचित मूल्य उन्हें कम और मार्केटिंग वालों को ज्यादा मिल रहा है। गांवों की आर्थिकी के विकास के लिए जरूरी है कि अधिक से अधिक गांवों तक कृषि, खेती, बागवानी आदि के क्षेत्र में वैज्ञानिक कार्य करें। दीनदयाल शोध संस्थान का देश के पिछड़े जिलों के ग्रामीण विकास का बड़ा तजुर्बा है। इस संबंध में शोध के क्षेत्र में पद्मश्री डा. महेश शर्मा का भी शोध पत्रिका मंथन के माध्यम में इस क्षेत्र में गहरा चिंतन रहा है। इस मौके पर कक्षा आठ की छात्रा मानवी बानिया द्वारा लिखित इंग्लिश कविता की पुस्तक का विमोचन भी किया गया।

पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इण्डिया के उत्तराखंड देहरादून चैप्टर को विशाखापट्टनम में एचआरडी मंत्रालय द्वारा बेस्ट इमर्जिंग चैप्टर का अवार्ड मिलने पर कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, सहसपुर विधायक सहदेव पुण्डीर, पद्मश्री डा. महेश शर्मा, सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग रविनाथ रमन, यूकोस्ट निदेशक डा. राजेन्द्र डोभाल, डा. चन्द्रमोहन व प्रेम बुड़ाकोटी आदि मौजूद रहे।

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