अप्रैल तक शुरू हो जायेगी गढ़वाल राइफल्स की 22वीं बटालियन – ले. जन. शरतचंद्र

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देहरादून : भारतीय सेना ने गढ़वाल को एक और तोहफा दिया है। सेना मुख्यालय ने गढ़वाल राइफल्स की एक और नई बटालियन खोलने का निर्णय लिया है। इसके बाद गढ़वाल राइफल्स की बटालियनों की संख्या बढ़कर 22 हो जायेगी। रविवार को जोगीवाला स्थित वेडिंग प्वाइंट में आयोजित पूर्व सैनिकों के कार्यक्रम में शिरकत करते हुए उपसेनाध्यक्ष ले. जनरल शरतचंद्र ने कहा कि आगामी अप्रैल तक नई बटालियन गठित हो जाएगी।

कोटद्वार में सैनिकों के लिए आवासीय व्यवस्था व डोईवाला क्षेत्र में अलग सीएसडी कैंटीन खोलने की बात भी उन्होंने कही है। उन्होंने कहा कि भूमि उपलब्ध होने पर कोटद्वार में केंद्रीय विद्यालय भी खोला जायेगा। वहीं लैंसडाउन स्थित गढ़वाल रेजीमेंटल सेंटर के पुराने प्रशासनिक भवन को नये स्वरूप में संवारने की बात भी उन्होंने कही है।

उपसेनाध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड की गौरवशाली सैन्य परंपरा को देखते हुए यहां सेना का कोटा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए गढ़वाल राइफल्स की अलग बटालियन खोली जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्यों के हिसाब से कई बार इस तरह की आपत्तियां भी आती रही हैं कि उत्तराखंड में सेना को बहुत अधिक कोटा दिया जा रहा है। इस राज्य की सैन्य परंपरा व युवाओं के लिए अन्य नौकरियों में अवसर कम होने की वजह से सेना ने सैन्य कोटा बढ़ाने का फैसला लिया है।

उन्होंने कहा कि सेना की जो इको बटालियन राज्य में कार्य कर रही है उसका भी विस्तार कर इको ब्रिगेड के रूप में स्थापित किया जा रहा है। ले. जनरल शरतचंद्र ने कहा कि डांडा लखौंड में सैनिकों के बच्चों के लिए बन रहा हॉस्टल आगामी शिक्षा सत्र तक तैयार हो जायेगा। गढ़वाल राइफल्स के सैनिकों के लिए कोटद्वार में सेपरेट क्वार्टर बनाए जा रहे हैं। इनमें जेसीओ के लिए 24 और जवानों के लिए 108 क्वार्टर बनेंगे। श्रीनगर व थराली के बाद भूमि उपलब्ध होने पर डोईवाला में भी सीएसडी कैंटीन खोली जायेगी।

उन्होंने कहा कि गढ़वाल राइफल्स के पूर्व सैनिकों को मिलन के लिए मैदान व शामियाने की व्यवस्था देहरादून में की जायेगी। पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए सेना द्वारा राज्य में सतत मिलाप कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसमें पांच साल में 41536 पेंशन आदि से जुड़ी समस्याएं सेना को मिली हैं। 36 हजार से अधिक समस्याओं का समाधान किया जा चुका है।

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