Ayodhya Verdict: सभी धर्मों को कोर्ट के फैसले का सम्मान करना चाहिएः सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

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देहरादून। अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उत्तराखंड में स्थिति सामान्य है। यहां मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पुलिस गश्त कर रही है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी सभी जिलों की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करेगी। यह बहुत ही अच्छा निर्णय है। 40 दिन में कोर्ट ने फैसला सुनाकर इतिहास रचा है।

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को एतिहासिक बताया। उन्होंने समाज में शांति, सौहार्द व एकता बनाये रखने की अपील की। कहा कि कोर्ट के फैसले का सम्मान सभी धर्मों को करना चाहिए।

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने आज ऐतिहासिक फैसला सुना दिया। पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने विवादित जमीन पर रामलला के हक में निर्णय सुनाया। शीर्ष अदालत ने केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को राम मंदिर बनाने के लिए तीन महीने में एक ट्रस्ट बनाने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा कि 02.77 एकड़ जमीन केंद्र सरकार के अधीन ही रहेगी।

साथ ही मुस्लिम पक्ष को नई मस्जिद बनाने के लिए अलग से पांच एकड़ जमीन देने के भी निर्देश हैं। इसके अलावा कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े और शिया वक्फ बोर्ड के दावों को खारिज कर दिया है। हालांकि निर्मोही अखाड़े को ट्रस्ट में जगह देने की अनुमति को स्वीकार कर लिया गया है।

फैसले से पहले हरिद्वार के ज्वालापुर में पुलिस ने पैदल मार्च निकाला। यहां चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात है। कई क्षेत्रों में बाजार बंद कराए गए हैं। यहां सभी लोग फैसला सुनने के लिए टीवी से चिपके हुए हैं।

रुद्रप्रयाग जनपद में भी सुरक्षा व्यवस्था चाक-चैबंद हैं। अयोध्या मसले पर फैसले के मध्येनजर कर्णप्रयाग, गैरसैंण, थराली, देवाल, गौचर, आदिबदरी, लंगासू, नारायणबगड़ सहित अन्य सभी स्थानों पर शांति व्यवस्था बनाने के लिए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।

थराली और गैरसैंण में पुलिस ने सुबह फ्लैग मार्च निकालकर लोगों से निडर रहने और शांति व्यवस्था बनाने की अपील की। कोर्ट फैसले को लेकर पूरे क्षेत्र में शांति व्यवस्था है। लोग रोजाना की तरह अपने कामों पर व्यस्त हैं।

वहीं चमोली प्रशासन ने करीब 9.30 पर स्कूलों में छुट्टी के आदेश जारी किए। हालांकि कोर्ट के फैसले को लेकर लोगों में उत्सुकता बनी है। सड़कों पर भीड़भाड़ अन्य दिनों की अपेक्षा कम है। लोग अपने घरों पर टीवी में कोर्ट का फैसला देख रहे हैं।

जिलाधिकारी हरिद्वार एवं एसएसपी द्वारा कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्र अंतर्गत शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु पुलिस फोर्स के साथ फ्लैग मार्च किया गया। वहीं श्रीनगर में भी भारी पुलिस बल तैनात हैं। थराली पुलिस/ग्वालदम चैकी, देवाल चैकी, नारायण बगड़ चैकी द्वारा अपने अपने थाना/चैकी क्षेत्र के अंतर्गत फ्लैग मार्च निकाला गया और जनता से शांति व्यवस्था बनाये रखने की अपिल की गई।
देहरादून को 11 जोन और 25 सेक्टर में बांटा गया है। राजधानी में 04 एसपी, 09 सीओ, 25 इंस्पेक्टर/एसओ, 180 दरोगा, 300 हेड कांस्टेबल, 700 कांस्टेबल और 200 महिला कांस्टेबल और छह कंपनी पीएसी सशस्त्र तैनात की गई है। खुफिया एजेंसियां भी सक्रिय हैं।

देहरादून डीएम सी रविशंकर और एसएसपी ने बताया कि अभी जिले में इंटरनेट चल रहा है। लेकिन अगर सोशल मीडिया पर बेवजह पोस्ट, तस्वीरें, भड़काऊ बयान वायरल किए गए तो जिले में इंटरनेट बंद किया जा सकता है। ऐसी पोस्ट करने वालों के खिलाफ आईटी के साथ क्रिमिनल एक्ट में भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा। उन्होंने ऐसा न करने की अपील की है।

महंत नरेंद्र गिरी महाराज की अपील
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी महाराज ने सभी भारतवासियों से अपील की। उन्होंने कहा कि आज वह घड़ी आ गई है, जिसमें एकता और अखंडता का परिचय देना होगा।

अयोध्या मामले में आने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला न हिंदुओं के पक्ष में है और न मुसलमान के पक्ष में है। यह फैसला पूरे भारतवासियों के पक्ष में आएगा। हम सभी सनातन धर्म प्रेमियों से निवेदन करते हैं कि जबतक फैसला नहीं आता है तब तक अपने घर में बैठकर हनुमान चालिसा और सुंदरकांड का पाठ करें।

जैसे हनुमान के द्वारा भगवान राम के सारे काम हुए हैं। यह कार्य भी हनुमान द्वारा किया जाएगा। कहा कि मुझे संविधान और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। मुझे पूरी उम्मीद है कि यह फैसला रामजन्म भूमि के पक्ष में आएगा। सभी से अपील है कि फैसला आने के बाद सभी लोग भाईचारा कायम करें।

एलआईयू को संदिग्ध गतिविधियों पर नजर बनाए रखने को कहा
डीएम सी. रविशंकर ने देर रात शनिवार को जिले के संवेदनशील, अति संवेदनशील और मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में धारा 144 लागू करने के निर्देश दिए हैं। उधमसिंह नगर के डीएम डॉ. नीरज खैरवाल ने भी देर रात जिले में धारा 144 लागू करने के निर्देश जारी किये हैं।

एलआईयू को भी संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए रखने को कहा गया है। पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह सामाजिक सौहार्द को खराब करने और किसी समुदाय विशेष या व्यक्ति को भड़काने की कोशिश करें तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाएं।

आज अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाने वाला है। इस बात के सुनिश्चित होते ही उत्तराखंड प्रशासन और पुलिस अलर्ट मोड में है। मामले की संवेदनशीलता को लेकर राज्य के संवेदनशील क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई है।

वहीं इन क्षेत्रों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है। कोटद्वार में भी धारा 144 लागू कर दी गई है। यहां सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल-कॉलेज बंद करने के आदेश दिए गए हैं। चमोली और बड़कोट में सुबह स्कूल खुले थे, जिसके बाद बंद कर दिए गए। श्रीनगर में स्कूल जा रहे बच्चों को वापस घर भेज दिया गया है। हरिद्वारा जिले में भी धारा 144 लागू है। यहां सभी स्कूल-कॉलेज बंद किए गए हैं। रुद्रप्रयाग में भी स्कूल बंद हैं।

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