ऋषिकेश। आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने कहा, उत्तराखंड योग की भूमि है। यह भूमि प्रत्येक योगी का अपना घर है। आज पूरे विश्व में जो निराशावादी वातावरण बन रहा है, उसे बेहतर बनाने में योग ही उपयोगी सिद्ध हो सकता है।
आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के दूसरे दिन मुनिकीरेती में योग साधकों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि योग हमें अंतरात्मा के दर्शन कराता है और हमें प्रकृति से जोड़ने का काम करता है, जो व्यक्ति योग को अपने जीवन में धारण कर देता है उसके चेहरे पर कभी शिकन नहीं आती। बड़ी-बड़ी चुनौतियों को भी वह मुस्कुराते हुए पार कर जाता है। उन्होंने भक्ति योग, कर्म योग, हठयोग की व्याख्या करते हुए कहा कि योग को जानने, समझने और आत्मसात करने से ही हम जीवन मे आनंद की परम अवस्था को प्राप्त कर सकते हैं। श्रीश्री रविशंकर ने योग साधकों को ध्यान का अभ्यास भी करवाया।
अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देश दुनिया से आए साधकों का गंगा तट पर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि गंगा के पावन सानिध्य में योगाभ्यास योग साधकों के लिए यादगार बनेगा। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और उत्तराखंड प्रभारी श्याम जाजू, पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, गढ़वाल मंडल विकास निगम के प्रबंध निदेशक इवा आशीष श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।
आपको बता दें कि मुनिकीरेती और परमार्थ निकेतन में सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का एक मार्च से आगाज हो गया है। यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने योग महोत्सव का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड योग का उद्गम स्थल है।