देहरादून। सितंबर से अन्य राज्यों के श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा शुरू की जा सकती है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने इसके संकेत हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के मद्देनजर अगर परिस्थितियां सामान्य रहती हैं, तो अन्य राज्यों के लिए भी सितंबर से कोरोना वायरस संक्रमण की एसओपी का पालन करते हुए चारधाम यात्रा शुरू की जाएगी। फिलहला, अभी सिर्फ राज्य के निवासियों के लिए चारधाम यात्रा जारी है।
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के चलते रोकी गई चारधाम यात्रा एक जुलाई से उत्तराखंड श्रद्धालुओं के लिए शुरू कर दी गई थी। हालांकि इस दौरान किसी भी कंटेनमेंट और बफर जोन में रहने वाले लोगों को यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। यात्रा शुरू करने से पहले देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड की वेबसाइट badrinath-kedarnath.gov.in पर भी पंजीकरण करना होगा। इसके बाद ई-पास और अपलोड किए गए फोटो आइडी और निवास स्थान का प्रमाण पत्र साथ रखना अनिवार्य होगा, जिसके बाद ही धाम में प्रवेश करने दिया जाएगा। श्रद्धालुओं को यात्रा विश्राम स्थल पर सिर्फ एक रात की अनुमति ही होगी। वहीं, जिन लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण पाए जाएंगे, उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं होगी।
केंद्र सरकार के निर्देश के मुताबिक 65 साल से अधिक और दस साल से कम आयु को यात्रा की इजाजत नहीं है। मंदिर में प्रवेश से पहले हाथ-पैर धोना अनिवार्य होगा। साथ ही परिसर के बाहर से लाए गए प्रसाद और चढावे को मंदिर में लाना वर्जित रहेगा। मूर्ति को स्पर्श करने की भी मनाही है।
श्रद्धालुओं को नहीं कराए जा रहे स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन
वहीं, केदारनाथ धाम पहुंच रहे श्रद्धालुओं को बाहर से ही मंदिर के दर्शन कर लौटना पड़ रहा है। चारधाम देवस्थानम बोर्ड की गाइड लाइन के अनुसार सभा मंडप से श्रद्धालु स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन कर सकते हैं, बावजूद इसके उन्हें सभा मंडप में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।
देवस्थानम बोर्ड से जुड़े अधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि स्थानीय लोग श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश का विरोध कर रहे हैं। इस बारे में प्रशासन को भी अवगत करा दिया गया है। सरकार ने चार धाम यात्रा की जिम्मेदारी देवस्थानम बोर्ड को सौंपी है। कोरोना काल फिलहाल राज्य के नागरिकों को ही चारधाम यात्रा की अनुमति है। केदारनाथ में अब तक करीब तीन हजार श्रद्धालु केदारनाथ धाम पहुंच चुके हैं।