कोविड-19 संक्रमण के खतरे की अनदेखी कर रविवार को श्रावण कृष्ण पक्ष अमावस्या स्नान के लिए लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा घाटों पर उमड़ी।
कोविड नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए घाटों पर स्नान हुआ। वहीं, पुलिस-प्रशासन लाचार नजर आया। धर्मनगरी की सभी पार्किंग पैक और हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें थी। रविवार की भीड़ के बाद अब कोविड संक्रमण के खतरे की आशंका जताई जा रही है। अमावस्या पर अधिकतर श्रद्धालु हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश से पहुंचे थे।
कोविड का खतरा अभी टला नहीं है। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते ही सावन में कांवड़ यात्रा पर रोक लगाई गई थी। हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट या टीके की दोनों डोज के प्रमाणपत्र की अनिवार्यता है। बॉर्डर से लेकर रेलवे स्टेशनों पर पुलिस चौकसी का दावा किया जा रहा है। बावजूद इसके रविवार को अमावस्या स्नान पर लाखों लोगों की भीड़ उमड़ आई।
रविवार सुबह पांच बजे से हरकी पैड़ी और आसपास के घाट श्रद्धालुओं से पैक हो गए थे। दोपहर में हरकी पैड़ी, ब्रह्मकुंड, सुभाष घाट, शिव घाट, मालवीय घाट, नाईसोता घाट पर हजारों की भीड़ नजर आई।शारीरिक दूरी के मानकों का कहीं पालन नहीं हुआ। गंगा घाटों के प्लेट फार्म पर घूम रहे अधिकांश लोगों ने मास्क नहीं लगाया था। बिना मास्क घूमने वालों को को पुलिस ने कहीं रोका और टोका नहीं।सीसीआर और आसपास क्षेत्र में पुलिस ने बैरियर जरूर लगाए थे। शनिवार को तो यहां से गुजरने वाले लोगों से पूछताछ की औपचारिकता निभाई जा रही थी। लेकिन रविवार को बैरियर पर पुलिस नजर नहीं आई। भीड़ को देख वहां तैनात पुलिसकर्मी भी पेड़ों की छांव में बैठकर मोबाइल में व्यस्त दिखे। भीड़ बिना रुके हरकी पैड़ी और आसपास घाटों तक पहुंची।
श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने से कोविड मानक भले की तार तार हुए हों, लेकिन व्यापारियों के चेहरे खिल गए। स्नान के बाद बाजारों में श्रद्धालु खरीदारी करने पहुंचे। सभी दुकानों पर लंबी लाइनें लगी थी। अपर रोड की सड़कों पर ज्यादा भीड़ होने से धक्कामुक्की तक की नौबत रही। सीसीआर से हरकी पैड़ी क्षेत्र को जोड़ने वाले पुल के दोनों तरफ फड़ सजे थे। इनमें प्लास्टिक की केन से लेकर मूर्तियां, मालाएं, खिलौने, प्रसाद की बिक्री हुई।
हरकी पैड़ी और आसपास के घाटों पर श्रद्धालुओं ने जहां तहां गंदगी फैलाई। सैकड़ों श्रद्धालु घाटों के प्लेटफार्म पर बैठकर खाना खा रहे थे। रविवार को दाल-चना, छोले-कुलचे और अन्य खाने का सामान बेचने वाले भी नजर आए। श्रद्धालुओं ने खाने के बाद पत्तलों को वहीं फेंक दिया। पुलिस का दावा है कि जिले के सभी बॉर्डर पर सख्ती की जा रही है। बाहरी नंबरों के वाहनों को रोककर उनमें सवार लोगों से आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट और टीके की डबल डोज का प्रमाणपत्र चेक किया जा रहा है। रविवार को बाहरी राज्यों के इतने वाहन पहुंचे कि पंडित दीन दयाल और आसपास की पार्किंग स्थल पूरी तरह से पैक थे। ट्रेवल्स एजेंसियों की बसें भी बड़ी संख्या में खड़ी थीं।