हाल ही में देहरादून आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रदेश के विकास को पांच साल और देने की अपील की तो दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दस साल का विजन देकर चले गए। 100 साल में जितने तीर्थयात्री आए, उतने आगामी दस साल में केदारनाथ तक आएंगे। पीएम मोदी के इस बयान को लेकर एक नई उम्मीद और ऊर्जा देखने को मिल रही है।
उत्तराखंड के चारों धाम तक तीर्थयात्रियों को ज्यादा से ज्यादा लाने के लिए केंद्र सरकार के प्रयास आगामी पांच नहीं दस साल में साफ नजर आएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारपुरी से अपने भाषण में दस साल का जिक्र करके अपना विजन भी स्पष्ट कर दिया है। पिछले दिनों आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तो गड्ढा भरने के लिए पांच साल का और वक्त मांगा था लेकिन पीएम मोदी के इन दस साल ने एक नई उम्मीद जवां कर दी है, चारधाम ऑल वेदर रोड हो या ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन, पहाड़ी क्षेत्रों में रोपवे की परियोजनाएं हों या दिल्ली से देहरादून का सफर, सभी मामलों में बड़े पैमाने पर काम चल रहा है।
पीएम मोदी ने इन सभी परियोजनाओं का जिक्र भी अपने भाषण में किया और साफ किया कि आने वाले दस साल में केदारनाथ धाम में इतने तीर्थयात्री चारों धाम के दर्शन को आएंगे, जितने 100 साल में आए होंगे।
केंद्र सरकार की जो कनेक्टिविटी बढ़ाने की योजनाएं चारों धाम को लेकर चल रही हैं, अगर वह समय से पूरी होती हैं तो निश्चित तौर पर लोगों के लिए चारधाम पहुंचना आसान हो जाएगा। पीएम मोदी ने रोपवे से लेकर दिल्ली-दून के बीच सड़कों का जिक्र करते हुए पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के चारधाम आगमन का दस साल का खाका जनता के सामने पेश किया है।
पर्यटक और तीर्थयात्री बढ़ेंगे तो निश्चित तौर पर यहां के लोगों के लिए रोजगार के जरिये भी बढ़ेंगे। केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों के लिए पर्यटन की दृष्टि से नया आकर्षित स्थल भी तैयार हुआ है। इससे प्रदेश और चारधाम यात्रा से जुड़े व्यापारियों व कारोबारियों को आर्थिक लाभ भी मिलेगा।
सरस्वती के घाट, मंदाकिनी पर पुल बनाकर यात्रा सुगम होगी। पीएम मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में होमस्टे के नेटवर्क से देश-दुनिया के पर्यटकों व तीर्थयात्रियों को घर जैसी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। केदारनाथ धाम तक तीर्थयात्रियों को केबल कार से पहुंचाने की भी तैयारी की जा रही है।