आखिरकार तीर्थ पुरोहितों के विरोध के आगे झुकी सरकार,कमेटी की रिपोर्ट आने तक देवस्थानम बोर्ड का काम रोका।

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देवस्थानम बोर्ड के गठन से ही उत्तराखंड में तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज लगातार इसका विरोध कर रहा है,चारों धामों में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज सरकार से काफी नाराज चल रहे है,हाल ही में करदारनाथ और बद्रीनाथ के तीर्थ पुरोहितों महापंचायत कर सरकार की परेशानियों को बढ़ा दिया था,अभी तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज ने सामूहिक रूप से भाजपा की सदस्यता छोड़ने की बात कही जिसके बाद सरकार बैकफुट पर आयी और उन्होंने कमेटी की रिपोर्ट आने तक देवस्थानम बोर्ड के काम काज पर रोक लगा दी है।

देवस्थानम् बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित केदारनाथ में दो सालों से आंदोलन कर रहे हैं। इसके साथ ही केदारघाटी के मुख्य बाजारों में भी तीर्थ पुरोहित प्रदर्शन कर चुके हैं, बावजूद इसके सरकार ने इस मामले में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है, जिस कारण तीर्थ पुरोहित समाज में खासा आक्रोश बना हुआ है। अब तीर्थ पुरोहितों ने सरकार के खिलाफ एक नया रास्ता तैयार किया है। तीर्थ पुरोहित भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को प्रेषित पत्र में केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड बिना तीर्थ पुरोहितों को अवगत कराये बनाया गया है, जिससे उनके हक-हकूकों पर कुठाराघात हुआ है। जहां एक ओर भाजपा की मोदी सरकार हिंदुत्व की बात करती है, वहीं दूसरी ओर सरकार चारों धामों सहित 51 मठ मंदिरों में देवस्थानम बोर्ड लागू करके देश-विदेश के श्रद्धालुओं की आस्था को चोटिल कर रही है। कहा कि यदि शीघ्र सरकार उक्त बोर्ड को भंग नहीं करती है तो आगामी दिनों में भाजपा से जुड़े हुए समस्त तीर्थ पुरोहित भाजपा से सामूहिक इस्तीफा देंगे।

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