केदारनाथ की पंचमुखी डोली अपने धाम प्रस्थान के तहत दूसरे रात्रि पड़ाव फाटा पहुंच गई है। यहां बारिश के बीच मंदिर समिति के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक खत्री और तीर्थपुरोहित विष्णुकांत कुर्मांचली ने डोली की अगवानी की। आज बुधवार को बाबा केदार की डोली फाटा से प्रस्थान कर रामपुर, सीतापुर, सोनप्रयाग होते हुए रात्रि प्रवास के लिए गौरीकुंड पहुंचेगी।
मंगलवार सुबह 7 बजे से विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में बाबा केदार की विशेष पूजा-अर्चना शुरू हो गई थी। मंदिर के पुजारी शशिधर लिंग और धाम के लिए नियुक्त पुजारी टी. गंगाधर लिंग ने आराध्य का श्रृंगार कर भोग लगाकर आरती उतारी। सुबह 8.30 बजे बाबा केदार की पंचमुखी डोली ने अपने धाम के लिए प्रस्थान किया। 11-मराठा रेजीमेंट की बैंड धुनों और भक्तों के जयकारों के बीच बाबा केदार की पंचमुखी डोली नाला, नारायणकोटी, मैखंडा, बडासू, ब्यूंग होते हुए दोपहर बाद फाटा पहुंची।
बीकेटीसी के पूर्व उपाध्यक्ष, तीर्थपुरोहित विष्णुकांत कुर्मांचली गंगराम सेमवाल, रमेश उत्तराखंडी, मंदिर समिति हेली कार्डिनेटर भरत कुर्मांचली, जसपाल राणा, रघुवीर सिंह शाह, जगत सिंह रमोला ने डोली की अगवानी कर स्वागत किया। इस मौके पर डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, डा. हरीश गौड़, बीपी सेमवाल, नरेश कुकरेती, नवीन देवसाली, मोहन प्रसाद मैखुरी, श्रीनंद सेमवाल आदि मौजूद थे।