गुरुवार को जूना और अग्नि अखाड़ा की सामूहिक पेशवाई निकाली जाएगी। इनकी पेशवाई में किन्नर अखाड़ा भी साथ चलेगा। शोभायात्रा में देवभूमि की संस्कृति की झलक दिखेगी। जूना अखाड़ा की धर्म ध्वजा बुधवार शाम करीब छह बजे बिरला पुल, हनुमान मंदिर के पास फहराई गई।
श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा और अग्नि अखाड़ा की पेशवाई सुबह पांडेवाला ज्वालापुर स्थित अस्थायी छावनी से शुरू होगी। पेशवाई निर्धारित रूट से होकर जूना अखाड़ा की छावनी में प्रवेश करेगी। जूना अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत महेशपुरी ने बताया पेशवाई में हजारों की संख्या में नागा संन्यासी होंगे।
50 चांदी के हौदे होंगे, जिनमें महामंडलेश्वर, श्रीमहंत और वरिष्ठ संत विराजमान होंगे। उत्तराखंड के प्रत्येक जिले से सांस्कृतिक टीमें आई हैं। टीमें अपनी वेशभूषा में रहेंगी। पेशवाई मे सबसे आगे जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि का भव्य रथ होगा।
उनके पीछे अन्य महामंडलेश्वर होंगे। जूना अखाड़ा के पीछे अग्नि अखाड़ा चलेगा और नेतृत्व आचार्य महामंडलेश्वर ब्रहमनिष्ठ स्वामी रामकृष्णानंद करेंगे। इन दोनों के पीछे किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी किन्नर अखाड़ा का नेतृत्व करेंगी।
भंडारों में परोसे जाएंगे उत्तराखंडी व्यंजन
जूना अखाड़ा के संतों के लिए भंडारे में कुमाऊं और गढ़वाली व्यंजन परोसे जाएंगे। महामंडलेश्वर वीरेंद्रानंद गिरि ने बताया कि जूना अखाड़े की नींव देवभूमि में पड़ी है। लिहाजा, महाकुंभ में पहुंचने वाले साधु संतों को उत्तराखंड के व्यंजन खिलाए जाएंगे। महाकुंभ के समापन तक भंडारों का आयोजन होगा और इनमें पहाड़ी व्यंजन को प्रमुखता दी जाएगी।
आज से पंच परमेश्वरों के हाथ में होंगे व्यवस्थाएं
अस्थायी छावनी से अखाड़ा की छावनी में प्रवेश करने के साथ सभी व्यवस्थाएं पंच परमेश्वर रमता पंचों के हाथों में कारोबार और कोठार चला जाएगा। महाकुंभ तक व्यवस्थाएं यहीं संभालेंगे।
हरिद्वार में पहली बार स्नान करेगा किन्नर अखाड़ा
किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में किन्नर अखाड़ा पहली बार हरिद्वार महाकुंभ में धर्मध्वजा स्थापित कर जूना अखाड़े के साथ मिलकर शाही स्नान करेगा। दंडी स्वामी भी हरिद्वार में जूना अखाड़ा के साथ पहली बार शाही स्नान में भाग लेंगे।
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा और श्री पंच अग्नि अखाड़ा की पेशवाई पांडेयवाला स्थित अस्थाई छावनी से शुरू होगी। अखाड़ों के संत जटवाड़ा पुल के पास जपलेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे।
जिसके बाद कोतवाली ज्वालापुर, कटहरा बाजार, श्रीराम चौक, भगत सिंह चौक, चंद्राचार्य चौक, देवपुरा, शिवमूर्ति चौक, वाल्मीकि चौक, होते हुए पेशवाई ललतारौ पुल स्थित छावनी में प्रवेश करेगी।