साल का आखिरी चंद्रग्रहण शुक्रवार 19 नवंबर को होगा, जिसकी शुरुआत सुबह 11:34 बजे से होगी। इसकी समाप्ति शाम 05:33 पर होगी। वैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण होने के साथ ही चंद्र ग्रहण का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व भी है। धार्मिक दृष्टि से इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते और कई कार्यों को करना भी वर्जित होता है।
चंद्रग्रहण भारत में अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी सीमांत क्षेत्रों में, पश्चिमी यूरोप, पश्चिम अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, इंडोनेशिया, थाईलैंड, दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, रूस, चीन और अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। यह साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है।
जो वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में होगा। डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया कि ग्रहण काल की कुल अवधि 5 घंटे 59 मिनट की होगी। ये खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा। जो कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है।डॉक्टर आचार्य सुशांत राज ने बताया कि ग्रहण तुला, कुंभ और मीन राशि वालों के लिए शुभ रहेगा। इन राशि वालों को इस दौरान अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। कॅरिअर में अच्छी सफलता मिलने के आसार रहेंगे। आगे बढ़ने के नए अवसर प्राप्त होने की संभावना है।
कॅरिअर में आ रही बाधाएं दूर होंगी। बताया कि व्यापारियों को भी इस दौरान विशेष लाभ प्राप्त होने सकेंगे। निवेश करने के लिए भी अच्छा समय है। ग्रहण के दौरान मेष, वृषभ, सिंह और वृश्चिक वालों को सावधान रहना होगा, क्योंकि इन राशि वालों के लिए ग्रहण अच्छा नहीं है।
इस दिन गर्भवती महिलाओं को खास तौर पर ध्यान रखना चाहिए। उन्हें इस दौरान कुछ खाना पीना नहीं चाहिए। साथ ही सब्जी आदि भी नहीं काटनी चाहिए। इस दिन बच्चे और बुजुर्गों को बाहर नहीं निकलना चाहिए। ग्रहण के दौरान काफी नकारात्मक ऊर्जा रहती है। इसलिए जितना हो सके इसे देखने से बचें।
ग्रहण के समय खाना-पीना, सोना, नाखून काटना और भोजन पकाना आदि कार्य करना अशुभ माना जाता है। चंद्र ग्रहण के दिन सूतक काल खत्म हो जाने के बाद पहने हुए कपड़ों सहित गंगा स्नान कर भोजन करना चाहिए। ग्रहण के समय अचार, मुरब्बा, दूध, दही और अन्य खाद पदार्थों में तुलसी पत्र डाल देने से वह खराब नहीं होते हैं।