इस साल वसंत पंचमी पर चार शुभ योग बन रहे हैं। उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र के छत्र और मित्र नाम के योग हैं। जबकि, इसी दिन शिव और सिद्ध नाम के योग बनने से इसका महत्व और बढ़ गया है। वहीं, पूजा-अर्चना के लिए 26 जनवरी को वसंत पंचमी पर सुबह सात बजकर सात मिनट से दोपहर सवा 12 बजे तक विशेष मुहूर्त है।
आचार्य डॉ. सुशांत राज ने बताया कि देश के लगभग हर राज्य में वसंत पंचमी का त्योहार उत्साह के साथ मनाया जाता है। वसंत पंचमी के दिन स्कूल-कॉलेज में विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। इस वर्ष वसंत पंचमी 26 जनवरी को मनाई जा रही है। पंचमी तिथि 25 जनवरी को दोपहर 12:38 बजे से शुरू हो जाएगी, जो अगले दिन 26 जनवरी सुबह 10:38 बजे तक रहेगी।
उदय तिथि (सूर्योदय) में ही पंचमी मनाना शास्त्रसम्मत है। पंचमी तिथि का सूर्योदय 26 जनवरी को होगा। इस दिन उत्तरा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र होने से छत्र और मित्र नाम के दो शुभ योग बनेंगे। इसके अलावा शिव और सिद्ध नाम के दो अन्य योग भी होंगे। इस प्रकार वसंत पर चार शुभ योग बन रहे हैं।
वसंत पंचमी पर क्या करें
शिक्षा, कला व साहित्य से जुड़े लोग शुभ फल पाने के लिए पीले फूल, हल्दी, पीले वस्त्र, पीली मिठाई व हल्दी की माला आदि पीले चीजों से मां सरस्वती का पूजन करें। मां शारदे के चरणों में पेन, पेंसिल, स्टेशनरी का सामान रखकर उन्हें आशीर्वाद के रूप में उपयोग में लाएं। गुरुओं व अपने माता-पिता का चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें।