ऊखीमठ। द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर की चल उत्सव विग्रह डोली पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से अपने धाम के लिए रवाना हो गई। डोली को वाहन से रात्रि प्रवास के लिए पहले पड़ाव राकेश्वरी मंदिर रांसी गांव पहुंचाया गया है।
धाम के कपाट सोमवार 11 मई को पूर्वान्ह 11 बजे खोले जाएंगे। ओंकारेश्वर मंदिर में सुबह पांच बजे से पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ द्वितीय केदार की पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद भगवान का महाभिषेक, श्रृंगार, भोग और आरती के बाद अराध्य की भोगमूर्तियों को चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान किया गया।
इसके बाद, अन्य धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के साथ द्वितीय केदार की डोली ने ओंकारेश्वर मंदिर की परिक्रमा के बाद अपने धाम के लिए प्रस्थान किया । मंदिर से जमाणियों द्वारा अराध्य की डोली को मंगोलचारी पहुंचाया गया। जहां से डोली को वाहन से पहले पड़ाव राकेश्वरी मंदिर रांसी गांव पहुंचाया गया। यहां पर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है।
इसके बाद, रविवार को द्वितीय केदार की डोली रांसी से दूसरे पड़ाव गौंडार गांव पहुंचेगी। जबकि 11 मई को डोली गौंडार से अपने धाम के लिए सुबह सात बजे प्रस्थान करेगी और सुबह 10.30 बजे मंदिर में पहुंचेगी। जहां पर पूर्वान्ह 11 बजे कपाटोद्घाटन होगा। इसके बाद छह माह तक द्वितीय केदार की पूजा-अर्चना धाम में ही होगी।
धर, शुक्रवार को भी द्वितीय केदार की भोगमूर्ति ने पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर के सभामंडप में विश्राम किया। देवस्थानम बोर्ड के कार्यधिकारी एनपी जमलोकी ने बताया कि द्वितीय केदार मद्महेश्वर धाम के कपाटोद्घाटन की सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन के कारण डोली कार्यक्रम व मंदिर में कपाट खुलने पर सीमित संख्या में लोग मौजूद रहेंगे।