उत्तराखंड के सुनहरे कल की भविष्यवाणी कर गए पीएम मोदी, विपक्ष पर सियासी हमलों से बनाई दूरी

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बीते माह उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते आई आपदा के बाद माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी यात्रा के दौरान राज्य के लिए किसी बड़े पैकेज की घोषणा कर सकते हैं। विपक्ष ने भी इसे मुद्दा बनाया था। लेकिन इससे इतर मोदी ने अपने संबोधन में आपदा का जिक्र तक नहीं किया। लेकिन प्रदेश के विकास से जुड़ी कई योजनाओं के उल्लेख से उन्होंने उत्तराखंड के सुनहरे भविष्य की भविष्यवाणी कर डाली।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा अब वक्त आ गया है, जब पहाड़ की जवानी और पानी दोनों पहाड़ के काम आएंगे। विकास के द्वार खुलेेंगे, जो पलायन को रोकेंगे। राज्य में स्थापित हो रहे होम स्टे पर्यटन व्यवसाय की तस्वीर बदलने का काम कर रहे हैं। युवा और महिलाओं की इस काम में भागीदारी भविष्य में उम्मीद की किरण जगाती है। आने वाला दशक उत्तराखंड का होगा। यहां लोगों को स्वाभिमान से जीने का अवसर मिलने वाला है। उन्होंने राज्य के विकास में महिलाओं के योगदान और सैनिकों के पराक्रम को भी याद किया। जब देशवासियों से जीवन में एक बार तीर्थ और धार्मिक स्थलों के भ्रमण की अपील की तो उसमें भी उत्तराखंड के आर्थिक विकास का बीज मंत्र छिपा था। चारधाम सड़क परियोजना, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना, बागेश्वर टनकपुर रेल परियोजना, देहरादून-दिल्ली हाईवे व अन्य विकास योजनाओं के पूरा हो जाने के बाद राज्य में पर्यटन के साथ धार्मिक तीर्थाटन भी बढ़ने की बात कही।

प्रधानमंत्री की केदारनाथ यात्रा को राजनीतिक बताकर विपक्ष भले ही उसकी नुक्ताचीनी कर रहा है लेकिन मोदी ने किसी भी राजनीतिक पार्टी पर हमला नहीं बोला। करीब एक घंटे के अपने संबोधन में पीएम मोदी ने तमाम मुद्दों को छुआ, लेकिन सियासी हमलों से दूरी बनाए रखी।

 

केंद्र सरकार ने देश के आठ तीर्थों को रोपवे लिंक से जोड़ने की पहल की है। जिसमें उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में सोनप्रयाग-गौरीकुंड से केदारनाथ मंदिर, चमोली जिले में गोविंदघाट-घांघरिया से हेमकुंड साहिब और नैनीताल में रानीबाग से हनुमान मंदिर रोपवे लिंक शामिल हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर केदारनाथ धाम को रोपवे लिंक से जोड़ने की बात अपने भाषण में कही। इससे अब इन परियोजनाओं पर शीघ्र काम शुरू होने की उम्मीद जग गई है। पिछले दिनों भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की टीम केदारनाथ में रोपवे की संभावनाओं का जायजा लेकर लौट चुकी है।

परियोजना                         –                                       कुल लंबाई 
रुद्रप्रयाग जिले में सोनप्रयाग-गौरीकुठ से केदारनाथ मंदिर –   8.5 किमी
चमोली जिले में गोविंदघाट-घांघरिया से हेमकुंड साहिब –       8.8 किमी
नैनीताल में रानीबाग से हनुमान मंदिर रोपवे लिंक –              12 किमी
(तीन परियोजनाओं की कुल लंबाई 29 किमी है।)

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