देहरादून। कोरोना संक्रमण के निरंतर बढ़ते मामलों के साथ ही अब वर्षाकाल शुरू होने से चारधाम यात्रा को लेकर संशय और गहरा गया है। हालांकि, सरकार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि परिस्थितियों की समीक्षा करने के बाद ही यात्रा के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। वहीं, चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने सभी जिलों के डीएम से यात्रा के संबंध में फीडबैक मांगा है। माना जा रहा कि यदि यात्रा शुरू करने का फैसला लिया गया तो इसमें केवल राज्य के लोगों को ही इजाजत दी जाएगी।
धार्मिक स्थलों को खोलने की केंद्र द्वारा छूट दिए जाने के बाद राज्य सरकार ने चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री की यात्रा के संबंध में निर्णय लेने का जिम्मा उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को सौंप दिया था। इस पर बोर्ड के निर्देश पर चमोली, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों ने चारधाम के तीर्थ पुरोहितों व हक-हकूकधारियों से विमर्श किया। इसके बाद बोर्ड ने बीती नौ जून को तीनों जिलों चमोली, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी के लोगों को अपने-अपने जिलों के धामों में दर्शनार्थ जाने की अनुमति दे दी। परिसंपत्तियों के रखरखाव एवं मरम्मत को संबंधित लोगों व संस्थाओं को धामों में जाने की अनुमति दी गई। ये व्यवस्था 30 जून तक के लिए तय की गई। तय हुआ था कि इसके बाद परिस्थितियों की समीक्षा कर यात्रा के संबंध में फैसला लिया जाएगा।
कोरोना के लिहाज से देखें तो हालात अभी सुधरे नहीं हैं। इसके मामले निरंतर आ रहे हैं। इसके साथ ही अब बरसात भी शुरू हो गई है। मौसम को देखते हुए हेली सेवाएं भी नहीं चल पा रही हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में चारधाम यात्रा को लेकर संशय गहराने लगा है। इस बीच चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिवप्रसाद ममगाईं ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद कहा कि सरकार चारधाम यात्रा शुरू करने पर विचार कर रही है। जुलाई में यात्रा शुरू हो सकती है।
हालांकि, बाद में मीडियाकर्मियों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हालात की समीक्षा के बाद ही यात्रा के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। उधर, चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के सीईओ एवं गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन ने संपर्क करने पर बताया कि यात्रा के सिलसिले में सभी जिलों के डीएम से फीडबैक मांगा गया है। सभी पहलुओं पर विचार के लिए अगले सप्ताह बैठक रखी गई है। उन्होंने कहा कि बाहरी राज्यों के संबंध में अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। क्वारंटाइन समेत अन्य नियमों को भी इसमें देखा जाना है। ऐसे में राज्य के लोगों को ही यात्रा की इजाजत देने पर विचार किया जा सकता है।