कोरोना से उपजे विषम हालात ने कई सबक भी दिए हैं। कोरोना काल में लंबे समय तक स्कूल बंद रहे तो ऑनलाइन पढ़ाई और दफ्तरों का काम घर से ऑनलाइन होने लगा। इधर, मंदिरों में भक्ति भी अब ऑनलाइन होगी। सूबे के सबसे बड़े आध्यात्मिक स्थलों में से एक मां पूर्णागिरि धाम में भी जल्द ही ऑनलाइन भक्ति शुरू होने जा रही है। प्रशासन इसकी कार्ययोजना बना रहा है। वर्चुअल भक्ति से यहां न पहुंच पाने में असमर्थ श्रद्धालु भी देवी दर्शन कर सकेंगे। इससे पुजारियों की आय भी बढ़ेगी।
पूर्णागिरि तहसील में नेपाल सीमा से लगे ठुलीगाड़ क्षेत्र में करीब 5500 फीट ऊंची पहाड़ी की चोटी पर यह धाम स्थित है। हर साल मां के दरबार में देशभर से 20 लाख से अधिक श्रद्धालु आते हैं, लेकिन मार्च 2020 से कोविड संक्रमण के कारण इस धाम में होने वाला सरकारी मेला बुरी तरह प्रभावित हुआ। वर्ष 2020 में मेला सिर्फ एक सप्ताह और इस साल यह मेला एक माह से भी कम समय तक चला। इस कारण ज्यादातर श्रद्धालुओं को मां पूर्णागिरि धाम में पूजन का सौभाग्य नहीं मिल सका। वहीं पुजारियों, कारोबारियों सहित धार्मिक पर्यटन पर भी मार पड़ी।
इसके चलते प्रशासन को ऑनलाइन पूजन का विचार आया। इस पहल में एचडीएफसी बैंक सहयोग देने के लिए आगे आया है। बैंक स्वयं ही ऑनलाइन पूजा के लिए ऐप बनाकर देगा। इसमें देवी दर्शन, पूजा-अर्चना से लेकर मंदिर में दान देने तक की सुविधा होगी। ऐप के संचालन से लेकर पूजा-अर्चना का संपूर्ण अधिकार मंदिर समिति का होगा।
अब तकनीकी अड़चन भी दूर हुई
कोविड की वजह से धार्मिक कार्य पर असर न पड़े, इसके लिए प्रशासन ने ऑनलाइन पूजा के विचार को आगे बढ़ाया गया। चार महीने पहले तक इसमें तकनीकी अड़चन आड़े आ रही थी, लेकिन निजी मोबाइल कंपनी की सेवा शुरू होने से पूर्णागिरि क्षेत्र में फोरजी सेवा शुरू हो गई है। अब संचार नेटवर्क की दिक्कत दूर हो गई है।
मां पूर्णागिरि के देवी धाम में वर्चुअल पूजा-अर्चना के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें एचडीएफसी सहयोग दे रहा है। ऑनलाइन पूजन से देवी धाम की पहुंच बढ़ने के साथ ही पुजारियों की आय भी बढ़ेगी। इसके लिए मंदिर समिति को भी राजी किया जाएगा।
– हिमांशु कफल्टिया, एसडीएम, पूर्णागिरि।