प्रदेश सरकार के लिए कुंभ का आयोजन अब हाईकोर्ट के रुख पर भी निर्भर करेगा। वहीं कुंभ का आयोजन अब अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। हाईकोर्ट ने कुंभ के आयोजन को लेकर प्रदेश सरकार से कहा था कि केंद्र से गाइडलाइन जारी करवाए।
अब केंद्र सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है और प्रदेश सरकार को श्रद्धालुओं का पंजीकरण कराने और आरटीपीसीआर टेस्ट करवाकर निगेटिव रिपोर्ट दिखाने वालों को ही कुंभ में शामिल होने को कहा है।
कुंभ में आने वालों को अपने स्तर पर कोविड की निगेटिव रिपोर्ट लेकर आनी होगी। इतना होने पर भी रिपोर्ट की जांच और अन्य औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार को जरूरी फोर्स की तैनाती करनी होगी।
एसओपी में यह भी साफ है कि मुख्य पर्वों पर करीब 50 लाख लोग हरिद्वार पहुंच सकते हैं। इसी के आधार पर हाईकोर्ट ने भी प्रदेश सरकार को 50 लाख लोगों के लिए तंबुओं की व्यवस्था करने को कहा था। अभी तक प्रदेश सरकार टेंट कॉलोनी के इंतजाम से बचने की कोशिश भी करती आई है। अब यह जरूरी हो सकता है और इसमें सरकार को खासी कसरत करनी पड़ सकती है।
कुंभ के लिए पंजीकरण की भी व्यवस्था सरकार को करनी होगी। कोविड के तहत स्मार्ट सिटी दून की वेबसाइट पर पंजीकरण की व्यवस्था सरकार ने की हुई है। कुंभ में कम समय में अधिक भीड़ जुटेगी और ऐसे में भीड़ नियंत्रण की चुनौती का सामना भी सरकार को करना होगा। बड़ी संख्या में आने वाले लोगों से सामाजिक दूरी के नियम का पालन कराने में भी सरकार को खासा पसीना बहाना होगा।
अब प्रदेश सरकार की ओर से हाईकोर्ट में जवाब दाखिल किया जाएगा। कोर्ट के रुख के बाद ही तय होगा कि सरकार का अगला कदम क्या होगा। कोरोना संक्रमण के मामले अब प्रदेश में कम होते जा रहे हैं।
इतना होने पर भी नए स्ट्रेन का डर लगातार बना हुआ है। कुंभ में विदेशी भी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। जाहिर है कि सरकार के साथ ही व्यवस्था में जुटे लोगों की चिंता कुंभ आयोजन के कोरोना हॉट स्पॉट में बदल जाने को लेकर भी है। ऐसे में गाइडलाइन का पालन सरकार को हर हाल में कराना होगा।
केंद्र की एसओपी ने यह भी साफ कर दिया है कि कुंभ के आयोजन से पहले हरिद्वार में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा करना होगा। फरवरी में कुंभ की अधिसूचना जारी होने से पहले ही सरकार को यह व्यवस्था करनी है।
हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि केंद्र इस मामले में एसओपी जारी करे। सरकार ने केंद्र से यह काम करवा लिया है। अब हाईकोर्ट में सरकार जवाब दाखिल करेगी और हाईकोर्ट का जो भी निर्देश होगा, उसका पालन किया जाएगा।
मदन कौशिक, शासकीय प्रवक्ता और शहरी विकास मंत्री