कुंभ कोरोन जांच में पहली गिरफ्तारी, पुलिस ने डेलफिया लैब का मालिक को उठाया

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महाकुंभ में हुई फर्जी कोरोना जांच के मामले में पुलिस ने आखिरकार डेलफिया लैब के मालिक आशीष वशिष्ठ को गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि मेले के दौरान आशीष ने फर्जी टेस्टिंग की। और इसे फर्जी तरीके से पोर्टल पर भी अपलोड किया था। पुलिस को कोर्ट से आरोपी का तीन दिन का पुलिस कस्टडी रिमांड भी मिला है। पुलिस आरोपी को आज हरियाणा लेकर जाएगी।

एसएसपी सेंथिल अवूदई कृष्णराज एस के मुताबिक सीएमओ हरिद्वार डॉ. एसके झा की ओर से कुंभ मेले में कोरोना जांच में घोटाले को लेकर केस दर्ज कराया था। मैक्स कार्पोरेट सर्विस, नालवा लैब व डॉ. लाल चंदानी लैब के खिलाफ केस दर्ज कर एसआईटी टीम ने जांच शुरू की थी। पुलिस जांच में सामने आया कि मैक्स कोरपोरेट सर्विस फर्म के पार्टनर्स शरत पंत और उसकी पत्नी मल्लिका पंत ने कुंभ मेला अधिकारी (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) को गुमराह करते हुये एक एमओयू जो नलवा लैब हिसार तथा लालचन्दानी लैब दिल्ली के साथ कर टेस्टिंग का ठेका सरकार से लिया था।

दंपति ने आपराधिक षडयंत्र कर डेलफिया लेब भिवानी हरियाणा के मालकि आशीष वशिष्ठ पुत्र श्रीदत्त निवासी गांव बधाना थाना दुझाना, झज्जर हरियाणा को दे दिया। जबकि आशीष की लेब आईसीएमआर से अधिकृत नहीं थी। आरोप है कि आशीष वशिष्ठ ने फर्जी टेस्टिंग संख्या दिखाकर 1.10 लाख टेस्ट दिखाये और पोर्टल पर अपलोड किये। 4 करोड़ रुपये का बिल नलवा लैब हिसार से फर्जी तरीके से बनाकर पंत दंपति को दिए थे। आरोपी ने फर्जी मोबाइल नंबर अपलोड किये थे। आरोपी आशीष वशिष्ठ ने नलवा लैब के साथ समझौता किया था। इसी के आधार पर आरोपी जांच करने हरिद्वार आया था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सुबूत मिलने से उसे गिरफ्तार कर लिया है। गुरुवार की शाम को आरोपी को जेल भेज दिया गया है। उधर पुलिस को तीन दिन का रिमांड भी कोर्ट से मिला गया है।

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