हरिद्वार में महाकुंभ-2021 के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की कोरोना जांच में हुए फर्जीवाड़े के आरोपी शरत व मल्लिका पंत के फरार चलने के बाद अब एसआईटी ने उनकी संपत्ति कुर्क करने के लिए न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिया है। इसके साथ ही गैर जमानती वारंट लेने के लिए भी अर्जी दी गई है। महाकुंभ-2021 के दौरान कोरोना संक्रमण को देखते हुए हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की कोरोना जांच के लिए टेंडर छोड़ा गया था। इसमें मैक्स कॉरपोरेट सर्विस को टेंडर दिया गया था, लेकिन फर्म के पार्टनरों शरत व मल्लिका पंत ने जांच के लिए ठेके दूसरी लैब को दे दिए गए थे।
इसमें बड़ी संख्या में फर्जी जांच हुई थी। इसके बाद सीएमओ एसके झा ने शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद एसएसपी ने एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए थे।
जांच करते हुए एसआईटी की टीम ने हरियाणा के भिवानी में स्थित डेलफिया लैब के मालिक आशीष वशिष्ठ को गिरफ्तार किया था। आशीष वशिष्ठ ने पूछताछ के दौरान बताया था कि उसने मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के पार्टनर व पति-पत्नी शरत पंत और मल्लिका पंत के कहने पर ही कोरोना जांच की फर्जी एंट्री आईसीएमआर पोर्टल पर अपलोड कराई है।पूछताछ व जांच के बाद एसआईटी की टीम ने मैक्स के पार्टनर शरत व मल्लिका पंत को मुकदमे में नामजद कर लिया गया है। दोनों आरोपियों के लिए एसआईटी ने नैनीताल व नोएडा में दबिश भी दी थी, लेकिन दोनों पुलिस पकड़ से बाहर हैं।
इसके बाद एसआईटी की टीम ने सोमवार को शरत पंत व मल्लिका पंत के गैर जमानती वारंट और कुर्की की कार्रवाई के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थनापत्र दिया। इसके साथ ही गैर जमानती वारंट के लिए प्रार्थनापत्र दिया है। जांच अधिकारी राजेश शाह ने बताया कि कुर्की व गैर जमानती वारंट के लिए प्रार्थनापत्र कोर्ट में दिया गया है।