हरिद्वार कुंभ मेला कोविड टेस्टिंग फर्जीवाड़े की जांच में 95 हजार मोबाइल नंबरों की जांच पूरी हो चुकी है। इसके बाद कई जिम्मेदार लोग घोटाले की आंच की चपेट में आ सकते हैं। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) के मुताबिक जांच अंतिम चरण में है। अगले सप्ताह तक जांच रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को सौंप दी जाएगी।
कुंभ के दौरान यहां आने वाले श्रद्घालुओं के कोरोना जांच की व्यवस्था की गई थी। इस व्यवस्था में अकेले कुंभ मेला प्रशासन की ओर से ही 11 लैबों से लगभग ढाई लाख श्रद्घालुओं की जांच करने का दावा किया गया था। कुंभ निपटने के बाद टेस्टिंग जांच रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा सामने आया।
इसके बाद शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी सी रवि शंकर ने मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गहरवार की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया था। हालांकि, जांच कमेटी को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे। जांच के दायरा बढ़ने के कारण कमेटी कई महीने बाद भी रिपोर्ट नहीं सौंप सकी। इसके अलावा मामले को लेकर गठित एसआईटी भी जांच कर रही है।
मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गहरवार ने बताया कि कोरोना जांच कराने वाले एक लाख लोगों के मोबाइल नंबरों की जांच की जानी थी। जिससे जांच रिपोर्ट तैयार करने में समय लग रहा है। 95 हजार मोबाइल नंबरों की जांच की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि ढाई हजार नंबरों की जांच शेष रह गई है। इनकी जांच भी जल्द ही कर ली जाएगी। नंबरों की जांच कर और अन्य तथ्यों के आधार पर रिपोर्ट जिलाधिकारी को आने वाले सप्ताह में सौंप दी जाएगी।
डेलफिया लैब से लैपटॉप और रजिस्टर बरामद
डेलफिया लैब भिवानी के संचालक आशीष वशिष्ठ की निशानदेही पर एसआईटी ने लैपटॉप और रजिस्टर बरामद किया जा चुका है। वहीं, कोविड जांच में हुए फर्जीवाड़े की जांच कर रही एसआईटी की टीम इस मामले में पहली गिरफ्तारी भी कर चुकी है।