नैनीताल हाईकोर्ट में आज क्वारंटीन सेंटरों की बदहाल व्यवस्थाओं के मामले में दायर अलग-अलग जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इसके बाद कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि वर्ष 2021 में हरिद्वार कुंभ में कोरोना संक्रमण की रोकथाम तथा भीड़ नियंत्रण सहित मेला व्यवस्थाओं के लिए क्या प्लान बनाया गया है। कोर्ट ने पूछा है कि अतिरिक्त क्या किया जा सकता है। कोर्ट ने इसकी जानकारी शपथपत्र के माध्यम से दो दिसंबर तक कोर्ट को बताएं। याचिकाकर्ताओं की ओर से बताया गया कि राज्य सरकार की ओर से बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की बॉर्डर पर जांच नहीं की जा रही है। कोर्ट ने प्रवासी श्रमिकों के लिए केंद्र व राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में कोर्ट को ब्योरा देने को कहा है। पर्वतीय इलाकों के स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों के पास उपकरणों की कमी से संबंधित सवाल पर याचिकाकर्ता को पूरा विवरण व समाधान आदि सुझाव के रूप में जिला निगरानी कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा गया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ एवं न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली और देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने क्वारंटीन सेंटरों व कोविड अस्पतालों की बदहाली और उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने को लेकर हाईकोर्ट में अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर कीं थीं।पूर्व में बदहाल क्वारंटीन सेंटरों के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर माना था कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटीन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं और सरकार की ओर से वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है। जिसका संज्ञान लेकर कोर्ट ने अस्पतालों की नियमित निगरानी के लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिलेवार निगरानी कमेटियां गठित करने के आदेश दिए थे और कमेटियों से सुझाव मांगे थे।