कुम्भ मेला 2021 में उत्तराखंड पुलिस के साथ-साथ, पीएसी, अर्धसैनिक बलों, होमगार्ड, पीआरडी, संचार, घुड़सवार, जीआरपी, अभिसूचना, अग्निशमन और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों सहित लगभग 15 हजार अधिकारी/कर्मचारियों के द्वारा ड्यूटी की गई। कोरोना काल मे होने वाला यह विश्व का सबसे बड़ा आयोजन था, जिसे कराना अपने आप मे एक नई और अकल्पनीय चुनौती था। मेले के दौरान लाखों-करोड़ों की भीड़ में स्वयं को कोरोना संक्रमण से बचाते हुए आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित और संक्रमण मुक्त स्नान करवाना समझ से परे था।
लेकिन जहाँ चाह वहां राह बन ही जाती है, कुम्भ मेला ड्यूटी में आने वाले अधिकांस अधिकारी और जवान इसे सामान्य मेला ड्यूटी न मानते हुए गंगा माँ की सेवा करने का अवसर समझ कर हरिद्वार आये थे। कुम्भ पुलिस के उच्चाधिकारियों को पहले ही समझ मे आ चुका था कि यदि कुम्भ मेला सकुशल सम्पन्न कराना है तो मेला ड्यूटी में लगे पुलिस बल का कोरोना से बचे रहना अतिआवश्यक है। एक छोटी सी भी चूक बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती थी।
इसलिए कुम्भ मेला पुलिस के उच्चाधिकारियों के द्वारा सर्वप्रथम एक पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को कोरोना सम्बंधित मामलों का नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया, जिसका काम ड्यूटी हेतु आने वाले समस्त पुलिस बल का सबसे पहले RTPCR टेस्ट करवाना, केंद्र और राज्य के द्वारा जारी SOP का अनुपालन करवाना और कोरोना संक्रमित पुलिस के जवानों के उपचार और देखभाल की उत्तम व्यवस्था कराना।
इसके अलावा कुम्भ ड्यूटी हेतु आये समस्त पुलिस बल को ततपरता दिखाते हुए कोरोना वैक्सीन की दोनो डोज भी समय से लगवा दी गई। बाकी जब भी कुम्भ का कोई स्नान सम्पन्न होता था तो उसके तुरंत बाद ही ड्यूटी में लगे समस्त पुलिस बल का RTPCR टेस्ट कराया जाता ताकि ड्यूटी के दौरान हुए संक्रमण का समय रहते पता लग सके।
इन सभी उठाये गए कदमो और कोरोना संक्रमण के विरुद्ध पालन किये गए सख्त अनुशासन का ही परिणाम रहा कि पूरी कुम्भ अवधि के दौरान लगभग 15 हजार पुलिसकर्मियों के विशालकाय बेड़े में से मात्र 20 पुलिस कर्मी ही कोरोना संक्रमित हो पाए। इन 20 पुलिसकर्मियों में से भी अधिकांशतः पुलिसकर्मी सही उपचार और देखभाल के चलते ठीक हो चुके हैं।
इस प्रकार कुम्भ मेला पुलिस के द्वारा कोरोना के विरुद्ध अपनी दृढ़ संकल्प शक्ति और विभागीय अनुशासन के बलबूते न सिर्फ अपने आपको कोरोना संक्रमण से बचाया गया बल्कि ड्यूटी के दौरान लगातार आम श्रद्धालुओं से भी कोरोना से सम्बंधित आचरण का पालन करवाया गया।