उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में दर्शन को लेकर सोमवार को सरकार के अलग-अलग ऐलान हुए। कैबिनेट मंत्री व सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने दोपहर में चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी के लोगों के लिए अपने जनपदों में स्थित धामों में दर्शन करने के फैसले का ऐलान किया, लेकिन देऱ शाम जारी एसओपी में धामों के दर्शन की इजाजत नहीं दी गई। शासकीय प्रवक्ता उनियाल ने दोपहर 12 बजे जारी वीडियो में साफ ऐलान किया था कि चमोली जिले के लोग बदरीनाथ, रुद्रप्रयाग के केदारनाथ और उत्तरकाशी जिले के लोग गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के दर्शन कर सकेंगे। बाद में सरकार अपने ही निर्णय से पलट गई। उनियाल ने बताया कि 16 जून को चारधाम यात्रा को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई है। इसके बाद ही चारधाम यात्रा शुरू करने पर फैसला लिया जाएगा।उधर, देवस्थानम बोर्ड ने पिछले साल भी धामों में दर्शन की शुरुआत स्थानीय स्तर पर ही शुरू की गई थी। बोर्ड ने सरकार यह प्रस्ताव भेजा है। बोर्ड ने दूसरे दूसरे चरण में राज्य के सभी लोगों और कोरोना महामारी से हालात सुधरने पर देशभर के लिए यात्रा खोलने का प्रस्ताव बनाया है। आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट के साथ यात्रा शुरू करने की बात कही गई है। गौरतलब है कि यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई, गंगोत्री 15 मई, केदारनाथ 17 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को खोल दिए गए थे। लेकिन, कोरोना संक्रमण की वजह से सरकार ने श्रद्धालुओं को यात्रा करने की अनुमति नहीं दी है। वहीं दूसरी ओर, तीर्थ-पुरोहित विरोध कर देवस्थानम् बोर्ड को कैंसिल करने की मांग कर रहे हैं। आपको बता दें कि पिछले साल भी कोरोना संक्रमण की वजह से चारधाम यात्रा शुरू नहीं हो पाई थी।
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