चौलाई से तैयार किया जा रहे केदारनाथ धाम के प्रसाद को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण से प्रमाणिकता मिल चुकी है। प्रसाद को भारत सरकार की भोग योजना (ब्लिसफुल एंड हाइजेनिक ऑफरिंग टू गॉड) में शामिल किया गया है। चारों धामों में यह उपलब्धि हासिल करने वाला केदारनाथ पहला धाम है।
अब, यात्राकाल में श्रद्धालुओं को विशेष पैकिंग के साथ जूट व रेशम के बैग में प्रसाद मिलेगा। प्रसाद बिक्री के लिए केदारनाथ व सोनप्रयाग में काउंटर भी तैयार किए जाएंगे। वर्ष 2018 से केदारनाथ धाम में स्थानीय उत्पाद चौलाई से बने लड्डू व चूरण को प्रसाद के रूप में शुरू किया गया। प्रसाद में चौलाई के लड्डू, चूरण के अलावा केदारनाथ का सिक्का, दुपट्टा, धूप, भष्म, केदार जल, वेलपत्री सहित नौ उत्पाद शामिल किए गए थे।
प्रसाद तैयार करने के लिए महिला समूहों को जोड़ा गया। वर्ष 2019 में सवा करोड़ के प्रसाद की ब्रिकी हुई थी। इस दौरान प्रसाद बनाने में 125 महिला समूहों की 1240 महिलाओं ने काम किया। बीते दो वर्ष कोरोनकाल के बीच यात्रा सीमित रही। इसके बावजूद प्रसाद से 47 लाख रुपये की आय हुई। इसके बाद जिला खाद्य सुरक्षा विभाग ने केदारनाथ प्रसाद को प्रमाणिक कराने की प्रक्रिया शुरू की।
प्रसाद की बिक्री के लिए सोनप्रयाग और केदारनाथ में खोले जाएंगे काउंटर