भवाली। बाबा नीब करौरी महाराज के कैंची धाम में इस बार 15 जून को मेला नहीं लगा। इस दिन आश्रम का स्थापना दिवस होता है और भक्तों को इस अवसर का साल भर इंतजार रहता है। इस बार हल्द्वानी में भंडारा ओयाजित किया गया है। यहां के कुछ श्रद्धालुओं ने दो हजार लोगों के लिए मालपुए और आलू का झोल बनाया है। यह प्रसाद शुद्ध घी से बनाया गया है। जिसे घर-घर जाकर बांटा जाएगा।
56 वर्षों में यह पहला मौका है, जब कोरोना संक्रमण के चलते स्थापना दिवस पर कैंची धाम में भक्तों का रेला नहीं लगा। मंदिर समिति के सदस्यों ने भोग लगाया और स्थापना दिवस की औपचारिकता पूरी की।
अगले वर्ष उत्साह के साथ कैंची धाम मंदिर का स्थापना दिवस मनाएंगे
हालांकि बाबा की यादें और छवि को दिल में संजोकर रखे हुए भक्त कहते हैं कि अगले वर्ष उत्साह के साथ कैंची धाम मंदिर का स्थापना दिवस मनाएंगे। बाबा की भक्त और हाईकोर्ट की वकील खुशबू तिवारी का कहना है कि 15 जून आश्रम का स्थापना दिवस अवश्य है, लेकिन बाबा को स्मरण करने का वक्त तो हरपल है।
इस मौके पर पारंपरिक आयोजन न होने से एक खालीपन अवश्य महसूस हो रहा है। इसे भी बाबा की स्मृति से ही भरा जा सकता है। समाजसेवी संजय जोशी के अनुसार वह विगत 15 वर्षों से कैंची में स्थापना दिवस के 10 दिन पहले से सहयोग के लिए मंदिर में ही रहते थे। बाबा का आशीर्वाद हमेशा बना रहे। अगले वर्ष और उत्साह से स्थापना दिवस मनाएंगे।