चंपावत। कोरोना वायरस से लोगों के बचाव के लिए पूर्णागिरि मेला का समापन किया जा सकता है। इस पर आज फैसला लिया जा सकता है। मां पूर्णागिरि धाम का मेला इस बार 15 जून तक 97 दिन चलने वाला है।
डीएम एसएन पांडे ने इस संबंध में बैठक बुलाई है। भारत नेपाल सीमा को भी कुछ समय के लिए सील किया जा सकता है। एसपी का कहना कि है इस बाबत राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी है।
आठ हजार भक्तों ने किए देवी मां के दर्शन
कोरोना वायरस की दहशत के बावजूद पूर्णागिरि मेले में श्रद्धालुओं की आवाजाही का सिलसिला जारी है। रविवार को आठ हजार भक्तों ने मां पूर्णागिरि के दर्शन किए। श्रद्धालु साइकिलों और बाइकों से उत्साह के साथ जत्थों में आ रहे हैं।
कोरोना वायरस की दहशत के चलते पूर्णागिरि मेले में इस बार शुरूआती दिन से ही श्रद्धालुओं की आवक कम है। मेले की रौनक पर इसका असर पड़ रहा है।
मेला अधिकारी जिला पंचायत के एएमए राजेश कुमार के मुताबिक रविवार को करीब आठ हजार श्रद्धालुओं ने देवी के दर्शन किए हैं। इधर, मेले के कारण नेपाल के सीमांत ब्रह्मदेव बाजार में भी रौनक बनी हुई है।
श्री झंडेजी मेले का भी हुआ समापन
कोरोना वायरस को देखते हुए देहरादून के ऐतिहासिक श्री झंडेजी मेले का समापन रविवार को कर दिया गया। दरबार साहिब के महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने रविवार को मेले के समापन की घोषणा की। एक महीने तक चलने वाले इस मेले को कोरोना के चलते तीसरे दिन ही खत्म करना पड़ा है।
श्री दरबार साहिब के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी ने बताया कि कोरोना वायरस बढ़ रहा है। इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए श्री झंडे जी मेले का रविवार को समापन कर दिया गया है। मेले में भीड़ उमड़ रही थी। इससे कोरोना वायरस फैलने की आशंका ज्यादा थी। इसे देखते हुए सभी स्टॉल हटा दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक मेला 13 मार्च को श्री झंडेजी आरोहण के साथ शुरू हुआ था। मेले को एक महीने तक चलना था, लेकिन महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने लोगों की सुरक्षा को देखते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।