कोरोना महामारी के कारण लगातार दूसरे साल भी चारधाम यात्रा बंद पड़ी है। मई व जून महीने में चारधाम यात्रा में सबसे ज्यादा श्रद्धालु दर्शन के लिए आते थे। लेकिन वर्तमान में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में बिना श्रद्धालुओं के सन्नाटा पसरा है। सिर्फ मंदिर में पुजारी, तीर्थ पुरोहित ही पूजा पाठ की परंपरा को निभा रहे हैं। पर्यटन उद्योग ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। जिसमें चारधाम यात्रा प्रमुख है।
यात्रा को सीमित संख्या में संचालित करने का प्रस्ताव
बीते वर्ष की तर्ज पर चारधाम यात्रा को संचालित करने की तैयारी की गई है। बोर्ड की ओर से प्रस्ताव भेजा गया है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक होनी है। स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जिस तरह की अनुमति मिलेगी। उसी आधार पर यात्रा का संचालन किया जाएगा।
– रविनाथ रमन, सीईओ, चारधाम देवस्थानम बोर्ड
पिछले साल एक जुलाई से शुरू हुई थी यात्रा
कोरोना की पहली लहर में लॉकडाउन के चलते चारधाम यात्रा एक जुलागई से शुरू हुई थी। सरकार ने सबसे पहले स्थानीय लोगों को दर्शन की अनुमति दी। इसके बाद राज्यों के लोगों के लिए यात्रा खोली गई। 25 जुलाई से प्रदेश के बाहर के लोगों को आरटीपीसीआर की निगेटिव जांच रिपोर्ट और पंजीकरण के साथ यात्रा में आने की अनुमति दी गई। बीते वर्ष 3.30 लाख श्रद्धालुओं ने कोरोना संक्रमण के बीच दर्शन किए।