देहरादून। चारधाम यात्रा पर जाने वाले व्यवसायिक वाहनों के लिए परिवहन विभाग अगले माह के पहले हफ्ते से ग्रीन कार्ड की प्रक्रिया शुरू करेगा। इसका फायदा ये होता है कि गाड़ी की पूरी फिटनेस की जांच पहले ही होती है और यात्रा मार्ग पर चालक को बार-बार कागजात और लाइसेंस आदि नहीं दिखाने पड़ते। इस वर्ष अप्रैल के अंतिम हफ्ते में चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। ऐसे में ग्रीन कार्ड के लिए शर्त रखी गई है कि वाहन के अंदर वाहन स्वामी, चालक और परिचालक का नाम और मोबाइल नंबर लिखा होना चाहिए।
चारधाम यात्रा को लेकर परिवहन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि, विभाग वाहनों की जांच की फुलप्रूफ रणनीति कभी तैयार नहीं कर पाता। यही वजह है कि हर साल यात्रा मार्ग पर वाहन तकनीकी खामी के चलते कई मर्तबा दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं। दुर्घटना के मद्देनजर विभाग द्वारा रात में यात्रा मार्ग पर वाहन संचालन पहले ही बंद किया जा चुका है। बात वाहनों की फिटनेस जांच की हो तो विभाग ने इस बार नई रणनीति बना ली है। इसके तहत वाहनों की जांच अप्रैल के पहले हफ्ते से शुरू हो जाएगी।
वाहनों के दस्तावेज और कंडीशन देखने के बाद तकनीकी टीम फिटनेस जांच करेगी। चालक का भी टेस्ट लिया जाएगा। उसके बाद वाहन को ग्रीन-कार्ड देने का फैसला लिया जाएगा। बताया गया कि हर वाहन में फस्र्ट-एड बॉक्स रखना अनिवार्य होगा। चालक को दवा के बारे में बताया जाएगा। बसों में चालक-परिचालक वर्दी में रहेंगे और निजी वाहनों के व्यवसायिक प्रयोग की जांच को भी कमेटी बनेगी।
इस बारे में आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई ने बताया कि वाहनों की पड़ताल के बाद ग्रीन-कार्ड जारी किए जाएंगे। इसके लिए चालक को वाहन से जुड़े सभी दस्तावेज लाने होंगे। वाहन की पूरी तरह से तकनीकी पड़ताल के बाद ग्रीन-कार्ड जारी होंगे। वाहन के अगले दोनों टायर तो नए होने अनिवार्य किया गया है। दून संभाग के सभी दफ्तरों से वाहनों को ग्रीन-कार्ड मिलेंगे।