हरिद्वार। हरिद्वार महाकुंभ में चैत्र पूर्णिमा पर इस बार आम श्रद्धालु साढ़े नौ बजे तक हरकी पैड़ी पर स्नान कर सकेंगे। इसके बाद पूरा हरकी पैड़ी क्षेत्र संतों के शाही स्नान के लिए रिजर्व होगा। सबसे पहले निरंजनी अखाड़े के संत शाही स्नान करेंगे। इस दौरान हाईवे को भी खुला रखा जाएगा। हालांकि, जब जुलूस हाईवे पर पहुंचेगा तो कुछ देर के लिए यातायात को रोका जाएगा।
जुलूस में संतों की संख्या भी इस बार कम होगी और वाहनों का भी कम से कम प्रयोग किया जाएगा। बैरागी और संन्यासी अखाड़ों के संतों ने मेला पुलिस-प्रशासन को आश्वासन दिया है सीमित संख्या में संत स्नान करेंगे और कोविड की गाइडलाइन का पालन करेंगे।
हरिद्वार महाकुंभ के आखिरी शाही स्नान को लेकर आईजी कुंभ संजय गुंज्याल और मेला अधिकारी दीपक रावत की संन्यासी अखाड़ों के पदाधिकारियों से बातचीत हुई। संन्यासी अखाड़ों के पदाधिकारियों से कोरोना की नई लहर के बढ़ते हुए प्रकोप को ध्यान में रखते हुए चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान को प्रतीकात्मक रूप से शारीरिक दूरी के साथ छोटा करने की अपील की गई।
आमजन को अखाड़ों के साथ स्नान की अनुमति नहीं
जूना अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत हरि गिरि और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत रविंद्र पुरी, महानिर्वाणी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने अधिकारियों को आश्वासन दिया कि अंतिम शाही स्नान को सभी संन्यासी अखाड़े प्रतीकात्मक रूप से करेेंगे। संतों और वाहनों की संख्या भी बेहद सीमित रहेगी। इस बार आमजन को अखाड़ों के साथ स्नान की अनुमति नहीं दी जाएगी।
वहीं, बैरागी अखाड़ों के पदाधिकारियों ने भी आश्वासन दिया कि अंतिम शाही स्नान सभी बैरागी अखाड़े बेहद सीमित रूप से करेंगे। साधु-संतों और वाहनों की संख्या कम से कम रहेगी। स्नान के समय राज्य सरकार की गाइडलाइन का भी पूरी तरह से पालन किया जाएगा। वहीं, शारीरिक दूरी, मास्क और सैनिटाइजेशन का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
निर्वाणी अणि अखाड़े के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत गौरी शंकर दास ने शाही जुलूस के दौरान पैदल मार्ग पर पानी के लगातार छिड़काव और लाउड हेलर की व्यवस्था करने की मांग की।
इस दौरान दिगंबर अणि अखाड़े के अध्यक्ष महंत रामकिशन दास नगरिया, निर्वाणी अणि अखाड़े के अध्यक्ष महंत धर्मदास, निर्मोही अखाड़े के महंत राजेंद्र दास, अपर मेला अधिकारी हरबीर सिंह, सीओ अखाड़ा प्रबोध घिल्डियाल, प्रभारी निरीक्षक कुंभ थाना कनखल भावना कैंथोला मौजूद रहे।
अखाड़ों के स्नान का क्रम और समय
1- श्री निरंजनी अखाड़ा
सुबह 8.30 बजे छावनी से संत स्नान के लिए प्रस्थान करेंगे। 8.45 बजे शंकराचार्य चौक, 9.15 बजे चंडी घाट चौराहा पहुंचेेंगे। 9.40 बजे रोड़ी में सामान रखेंगे। 10 बजे शॉल पुल होकर 10.15 बजे ब्रह्मकुंड में प्रवेश करेंगे। 10.45 बजे तक स्नान करेंगे और 11.05 बजे रोड़ी वापस पहुंचेंगे। 11.35 बजे केशव आश्रम तिराहे से शंकराचार्य चौक होकर 12.55 बजे अखाड़े पहुंच जाएंगे।
2- जूना, अग्नि और आह्वान अखाड़ा
8.30 बजे संत छावनी से जाएंगे और 9.20 बजे शंकराचार्य चौराहा पहुंचेंगे। 9.50 बजे चंडी घाट चौराहा और 10.15 बजे रोड़ी में सामान रखेंगे। 10.35 बजे शॉल पुल से होकर 10.50 बजे ब्रह्मकुंड पहुंचेंगे। 11.20 बजे तक स्नान करेंगे और 11.40 बजे रोड़ी छावनी में वापस लौट आएंगे। 12.15 बजे अखाड़े में चले जाएंगे।
3-महानिर्वाणी अखाड़ा
9.30 बजे संत छावनी से प्रस्थान करेंगे। 10.10 बजे शंकराचार्य चौक और 10.40 चंडी घाट पहुंचेंगे। 11.05 रोड़ी में सामान सुरक्षित रखने के बाद शॉल पुल से होकर 11.50 बजे ब्रह्मकुंड पहुंचेंगे। 12.20 बजे तक स्नान करेंगे और 12.40 में रोड़ी क्षेत्र पहुंचेंगे। 01 बजे केशव आश्रम तिराहे से 1.40 बजे अखाड़े में पहुंचेंगे।
4-श्री निर्माणी, दिंगबर और निर्मोही अणि अखाड़ा
तीनों अखाड़ों के संत 10.30 बजे प्रस्थान करेंगे और 11.15 बजे चंडी घाट पहुंचेंगे। 11.55 बजे तक रोड़ी में सामान रखेंगे और शॉल पुल होकर 12.40 बजे ब्रह्मकुंड पहुंचेंगे। 1.30 बजे तक स्नान करेंगे और दो बजे रोड़ी पहुंचेंगे। 3.10 बजे वापस अखाड़ा पहुंचेंगे।
5-श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन
12 बजे संत प्रस्थान करेंगे और 1 बजे शंकराचार्य चौक से होकर 1.30 बजे चंडी घाट पहुंचेंगे। 2.10 बजे रोड़ी में सामान रखने के बाद 2.50 बजे ब्रह्मकुंड पहुंचेंगे। 3.20 तक स्नान करने के बाद 3.40 बजे रोड़ी पहुंचेंगे और 4.30 शंकराचार्य चौक पहुंचकर अखाड़ा जाएंगे।
6-श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन
2.25 बजे प्रस्थान करेंगे और 3.25 बजे चंडी घाट पहुंचेंगे। 4 बजे रोड़ी से होकर 4.50 बजे ब्रह्मकुंड पहुंचेंगे। 5.05 बजे तक स्थान करने के बाद 17.25 बजे रोड़ी वापस पहुंचकर 6.35 बजे अखाड़ा पहुंच जाएंगे।
7-श्री निर्मल अखाड़ा
2.15 बजे अखाड़े से प्रस्थान करने के बाद संत 3.40 बजे चंडी घाट पहुंचेंगे। 4.20 बजे रोड़ी से होकर 5 बजे ब्रह्मकुंड पहुंचेंगे। 5.25 बजे तक स्नान होगा और 5.50 बजे रोड़ी वापस आएंगे और 7 बजे अखाड़ा जाएंगे।