रुड़की। रुड़की में छठ पूजा के मौके पर अस्ताचल सूर्य एवं उदीयमान सूर्य को श्रद्धालु पर्याप्त पानी में खड़े होकर अर्घ्य दे सकेंगे। श्रद्धालुओं की चिंता को देखते हुए गंगनहर में एक हजार क्यूसेक पानी और अधिक बढ़ा दिया है। इस समय छठ पर्व शुरू हो चुका है। श्रद्धालु व्रत की तैयारियों में जोरशोर से जुटे हुए हैं। गंगनहर के घाटों की भी विशेष साफ-सफाई की गई है।
इसके अलावा लाइटिंग आदि लगाई जा रही है। श्रद्धालुओं की ओर से घाटों पर वेदी भी बना दी गई है। इसी बीच श्रद्धालुओं में गंगनहर में कम पानी आने की वजह से चिंता बनी हुई थी कि कैसे वह कम पानी में सूर्य की उपासना कर सकेंगे। इसको देखते हुए श्रद्धालुओं ने गंगनहर में पानी बढ़ाने की मांग की।
गंगनहर में छोड़ा गया पानी
उत्तरी खंड गंगनहर के अधिशासी अभियंता विकास त्यागी ने बताया कि श्रद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए गंगनहर में पानी की मात्रा को बढ़ा दिया गया है। शुक्रवार से गंगनहर में एक हजार क्यूसेक पानी की बढ़ोतरी कर दी गई है। इसके बाद भी कमी रह जाती है तो पानी की मात्रा को बढ़ा दिया जाएगा। श्रद्धालुओं की भावनाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
शुरू हुआ छठ का महापर्व
चार दिवसीय छठ पर्व की शुक्रवार से शुरुआत हो गई। पहले दिन नहाय खाय किया गया। वहीं 19 नवंबर को ढलते हुए सूर्य एवं 20 नवंबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के लिए व्रतियों एवं अन्य श्रद्धालुओं ने गंगनहर के घाटों पर निशान लगाकर अपनी जगह चिह्नित कर ली है। लोक आस्था का महापर्व छठ शुक्रवार से शुरू हो गया। छठ पर्व को लेकर शहर में रहने वाले पूर्वांचलवासियों में खूब उत्साह देखने को मिल रहा है। वहीं शुक्रवार को छठ पर्व के पहले दिन नहाय खाय किया गया। व्रतियों ने नदी अथवा जलाशय में स्नान करके साफ वस्त्र पहनकर एक समय भोजन किया। भोजन में लौकी और चने की दाल तथा चावल ग्रहण किया गया।