जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने अपने कुम्भ शिविर के और ब्रह्मकुंड के निकट नीलधारा में मा गंगा में पवित्र डुबकी लगाकर सबके कल्याण की कामना की।

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कुंभ महापर्व के सबसे महत्वपूर्ण और तीसरे शाही स्नान पर आज दो पीठ ज्योतिष पीठ और शारदा पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने अपने कुम्भ शिविर के और ब्रह्मकुंड के निकट नीलधारा में मा गंगा में पवित्र डुबकी लगाकर सबके कल्याण की कामना की। जगद्गुरु अपने शिष्यों और अनुयायियों के साथ आज सुबह करीब 10 बजे कुम्भ शिविर से निकल कर नीलधारा स्थित गंगा तट पर पहुचे जहा उन्होंने संकल्पपूर्वक मां गंगा की पूजा और आराधना की और फिर स्नान का संकल्प लेकर मा गंगा में पवित्र स्नान किया ,इस अवसर पर उनजे साथ उनके शिष्यों और सहयोगियों और अनुयायियों ने भी गंगा स्नान कर पुण्य की प्राप्ति की ,स्नान के उपरांत उन्होंने सभी से कोरोना के लिए सावधानी बरतने और मास्क और अन्य गाईडलाइन का उपयोग करने कर लिए कहा और जो लोग कुम्भ स्नान के लिए नही आ पाए उंसि अपने आसपास की नदी में मां गंगा के आह्वान करते हुए स्नान करने की अपील की और कहा कि इससे उनको गंगा में स्नान करने के समान ही पुण्य की प्राप्ति होगी ।दो शंकराचार्य पीठ ज्योतिष और शारदा पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि मेष राशि में सूर्य और कुंभ राशि में गुरु है यह हरिद्वार का कुंभ पर्व है जो 11 वर्ष बाद आया है इस अवसर पर गंगा स्नान का अद्भुत पुण्य होता है उस दृष्टि से हम लोग यहां पर आए हैं और आज वह कार्य हम लोगों ने भगवान की कृपा से पूरा हुआ है इससे हमें संतोष है ,कोरोना काल को लेकर जगतगुरु शंकराचार्य ने कहा कि हम लोग चाहेंगे कि लोग एक दूसरे से दूरी बनाकर रखें मुंह में जो मास्क लगाकर रखें और संयम नियम से रहें मांसाहार न करें सुरा पान न करें अपने शरीर की ऊर्जा को बनाकर रखें तो करोना को उसे मात नहीं दे सकता है जहां भी इस समय जहां भी जिस नदी में आप पास में है वहां पर स्नान कर ले वहां गंगा पहुंच जाएगी जिनका रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है तो जो नदी पास में हो पर्व काल में वही उनका स्नान कर ले, कोरोना के बढ़ते मामले लोगों की असावधानी से बढ़ रहे हैं लोग इस खतरे को समझ नहीं पा रहे हैं और नियमों का पालन नहीं कर रहे हम चाहेंगे कि लोग इसके नियमों का पालन करें और इस खतरे को समझें और इससे बचें।

जगतगुरु शंकराचार्य के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज का कहना है कि चेत्र शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि है आज ही के दिन सूर्य मेष राशि वृहस्पति कुंभ राशि में आए हैं जब यह दोनों ग्रह इन इन राशियों पर आते हैं तब ही कुंभ नाम का पर्व हरिद्वार में आयोजित होता है मूल रूप से आज ही का दिन असल में कुंभ है बाकी तो उसका घेरा है आज मुख्य स्नान पर्व था आज संत महंत स्नान कर रहे है परम पूज्य ज्योति श्री द्वारका पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य पुण्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज चौकी देश के सर्वो वरिष्ठ धर्माचार्य हैं 97 साल की इनके शरीर की उम्र है यह भी हरिद्वार आए थे शिविर में उन्होंने प्रवेश मंगल यात्रा के माध्यम से प्रवेश किया किया था आज 10 बजे शंकराचार्य के शिविर से निकलकर गए निकल करके वे नीलधारा जो ब्रह्मकुंड के पास स्थित है वहां पर उन्होंने जाकर के संकल्प पूर्वक पहले गंगा जी का पूजन किया और उसके बाद स्नान का संकल्प किया और फिर गंगा स्नान किया तर्पण किया वहीं से उन्होंने समस्त देशवासियों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया और यह कहा कि जो लोग आना चाहते थे यहां स्नान करने के लिए लेकिन नहीं आ पाए हैं उनके लिए हमारा यह संदेश है कि जो भी धारा उनके इर्द-गिर्द बह रही हो पवित्र धारा चाहे किसी नदी की धारा में वहीं पर स्नान कर ले मन में आव्हान करें हरिद्वार की गंगा का आह्वान कर रहे हैं और डुबकी लगाएं तो उनको वही फल मिलेगा जो आचार्य के वचनों के माध्यम से आज पूरा देश चाहे जहां है वहीं से कुंभ स्नान कर सकता है यह बहुत बड़ा आशीर्वाद उनका हम सबको मिला है।

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