उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को भंग करने समेत अन्य मांगों को लेकर केदारनाथ के तीर्थपुरोहितों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के माध्यम से पीएम मोदी को ज्ञापन सौंपा। उनका कहना है कि केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्य वास्तुशास्त्र के हिसाब से किए जाएं। साथ ही तीर्थपुरोहितों के लिए भवन बनाकर दिए जाएं। उन्हाेंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 30 नवंबर तक देवस्थानम बोर्ड को लेकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है लेकिन मांगपूर्ति तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ भ्रमण के दौरान तीर्थपुरोहितों के प्रतिनिधिमंडल को मंच पर जगह दी गई थी। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के माध्यम से एमआई-17 हेलीपैड पर प्रधानमंत्री को एक मांगपत्र भी सौंपा।
केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, महामंत्री कुबेरनाथ पोस्ती, लक्ष्मी नारायण जुगराण, उमेश चंद्र पोस्ती का कहना है कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले केदारनाथ में जो कार्य चल रहे हैं वे उनका विरोध नहीं कर रहे हैं। बस इन कार्यों को वास्तु के हिसाब से किया जाना अनिवार्य है। साथ ही धाम में जो भी कार्य हो रहे हैं, उन्हें विश्वास में लिया जाए। उन्होंने केदारनाथ में 2019 से पहले की व्यवस्था बहाल करने पर भी जोर दिया।
तीर्थ-पुरोहित पीएम की बातों से खुश पर देवस्थानम पर निराश
केदारपुरी पहुंचे पीएम मोदी की बातों ने तो तीर्थ पुरोहितों को खूब लुभाया, लेकिन देवस्थानम एक्ट को लेकर कोई बात न करने से वह निराश हुए। तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी को एक ज्ञापन दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एकदिवसीय केदारनाथ दौरे से पहले जिस तरह से तीर्थ पुरोहितों ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत का विरोध किया था, उससे सरकार केे हाथ-पांव फूल गए थे। पहले कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को माहौल शांत करने के लिए भेजा गया। इसके बाद खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को मैदान में उतरना पड़ा।
उन्होंने 30 नवंबर तक देवस्थानम पर कोई निर्णय लेने का आश्वासन देते हुए किसी तरह माहौल को संभाला। शुक्रवार को जब पीएम मोदी केदारपुरी पहुंचे तो चारों धामों के तीर्थ पुरोहित एवं हकहकूकधारियों ने कोई विरोध नहीं किया। चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के प्रवक्ता बृजेश सती ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर तीर्थ पुरोहितों में काफी उत्साह था। उन्हें उम्मीद थी कि देवस्थान एक्ट एवं देवस्थानम बोर्ड पर प्रधानमंत्री की ओर से कोई सकारात्मक संकेत दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।