देहरादून। चार धाम तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत ने कहा है कि प्रदेश सरकार किसी भी सूरत में 30 जून से पहले चार धाम यात्रा शुरू न करे। सीएम और पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर को पत्र भेजकर महापंचायत ने देवस्थानम बोर्ड को रद्द करने की मांग भी की है।
महापंचायत ने वीडियो कॉंफ्रेंस के जरिए आठ जून से चार धाम यात्रा के शुरू होने के सरकार के फैसले पर विचार किया। वीडियो कॉंफ्रेंस में महापंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल, महामंत्री हरीश डिमरी, लक्ष्मीनारायण, जगमोहन उनियाल, जमुना प्रसाद, राजीव सेमवाल, दुर्गा प्रसाद भट्ट सहित अन्य पदाधिकारी शामिल हुए। वहीं, प्रशासन यात्रा शुरू करने की तैयारी में जुटा है। बदरीनाथ धाम में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए गोले बनाए जा रहे है।
हर वर्ग विरोध में उतरा
महामंत्री हरीश डिमरी ने बताया कि महापंचायत ने यह साफ कहा है कि किसी भी सूरत में तीस जून से पहले यात्रा शुरू न हो। महापंचायत ने पूछा है कि यात्रा शुरू करने से पहले होटल, धर्मशाला, पुरोहितों सहित यात्रा से जुड़े अन्य लोगों को क्या सरकार ने पास दे दिए हैं। क्या चारों धामों सहित अन्य मंदिर समूहों में सोशल डिस्टेंस, सैनिटाइजेशन आदि की व्यवस्था कर ली गई है।
महापंचायत का कहना है कि मानसून से ठीक पहले यात्रा शुरू करने का औचित्य समझ से परे है। इससे कोरोना संक्रमण धामों में भी पहुंच जाएगा। ऐसी स्थिति में रोजी रोटी के साथ ही यात्रा से जुड़े लोगों का जीवन भी संकट में पड़ जाएगा। महापंचायत ने इसके साथ ही पुरोहितों सहित अन्य लोगों के लिए आर्थिक पैकेज की मांग की है। महापंचायत के प्रवक्ता डा. बृजेश सती का कहना है कि चार धाम यात्रा शुरू करने का हर वर्ग विरोध कर रहा है।