देवस्थानम बोर्ड को भंग करने के सरकार के फैसले का तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों ने स्वागत किया है। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि उनका संघर्ष कामयाब रहा। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के तीर्थपुरोहितों व हक-हकूकधारियों में खुशी का माहौल है।
उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी का आभार जताते हुए इसे सत्य, सनातन और परंपराओं की जीत बताया। इसके साथ ही तीर्थ पुरोहितों का दो वर्ष से चल रहा आंदोलन भी खत्म हो गया। तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि विधानसभा में बोर्ड को भंग करने का प्रस्ताव पारित होने के बाद वे चारों धाम में जश्न मनाएंगे।
सीएम के फैसले के बाद धर्मनगरी हरिद्वार के तीर्थ पुरोहित और साधु संतों ने खुशी की लहर दौड़ गई। तीर्थ पुरोहितों, संतों और सामाजिक संगठनों ने मिठाई बांटकर खुशी जताई व गंगा में दुग्धाभिषेक किया। वहीं, श्री गंगा सभा के पदाधिकारियों ने भी बोर्ड भंग होने की खुशी में गंगा का दुग्धाभिषेक किया।
गंगा सभा अध्यक्ष प्रदीप झा ने कहा कि सरकार ने देवस्थानम बोर्ड भंग कर पुरोहितों की मांगों को स्वीकार किया है। महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने कहा की उत्तराखंड सरकार ने चारों धामों के साथ गढ़वाल के 51 मंदिरों को सम्मिलित करते हुए जो देवस्थानम बोर्ड बनाया था। उससे पुरोहितों के अधिकार प्रभावित होने के साथ ही धार्मिक परंपराओं के साथ भी खिलवाड़ हो रहा था।
देवस्थानम बोर्ड भंग होने पर श्री जयराम आश्रम में उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित, हक हकूकधारी महापंचायत समिति के सदस्यों का ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी द्वारा स्वागत किया गया। इस अवसर पर ब्रह्मचारी ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड भंग होना उत्तराखंड व पुरोहित समाज के हक का निर्णय है। यह कार्य सभी पुरोहित समाज के प्रयास से सफल हुआ है।