रुद्रप्रयाग। तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट आज बुधवार को सुबह 11.30 बजे शीतकाल के लिए बंद हो गये हैं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। पूजा-अर्चना, विधि-विधान पूर्वक पहले बाबा तुंगनाथ के स्यंभूशिव लिंग की समाधि पूजा संपन्न हुई। तत्पश्चात कपाट बंद कर दिए गये। कपाट बंद होने के बाद बाबा की उत्सव डोली अपने प्रथम पड़ाव चोपता को रवाना हो गयी। 5 नवंबर को डोली भनकुंड, 6 नवंबर को शीतकालीन गद्दी स्थल श्री मार्कण्डेय मंदिर मक्कूमठ में विराजमान हो जाएगी। इसी के साथ मक्कूमठ में तृतीय केदार तुंगनाथ की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जाएंगी।
तुंगनाथ के कपाट बंद होने के अवसर पर मठाधिपति रामप्रसाद मैठाणी, पुजारी रविंद्र मैठाणी, सतीश मैठाणी, मंदिर प्रबंधक प्रकाश पुरोहित, सहायक प्रबंधक विक्रम रावत संदीप, जगमोहन आदि मौजूद रहे। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि इस यात्रा वर्ष साढ़े चार हजार से अधिक तीर्थयात्री तुंगनाथ दर्शन को पहुंचे हैं।
शीतकाल के लिए चारों धाम के कपाट बंद करने की तिथियां तय कर दी गई हैं। गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर, यमुनोत्री व केदारनाथ धाम के कपाट 16 नवंबर और बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद किए जाएंगे। इसके अलावा भविष्य बदरी व द्वितीय केदार मध्यमेश्वर धाम के कपाट भी 19 नवंबर को बंद होंगे।
कपाटबंदी की तिथि व मुहूर्त
- यमुनोत्री, 16 नवंबर, अभी तय नहीं
- गंगोत्री, 15 नवंबर, दोपहर 12.15 बजे
- केदारनाथ, 16 नवंबर, सुबह 8.30 बजे
- बदरीनाथ, 19 नवंबर, दोपहर बाद 3.35 बजे
- भविष्य बदरी, 19 नवंबर, दोपहर बाद 3.35 बजे
- मध्यमेश्वर, 19 नवंबर, सुबह सात बजे