हरिद्वार। मकर संक्रांति पर हरिद्वार में कुंभ वर्ष का आज का पहला स्नान पर्व है। इस दौरान हाड़ कंपाने वाली ठंड पर श्रद्धालुओं की अस्था भारी नजर आई। हरकी पैड़ी पर गंगा स्नान के लिए सुबह करीब तीन बजे से ही श्रद्धालु पहुंचने लगे। कड़ाके की सर्दी के बीच श्रद्धालुओं ने सुबह चार बजे गंगा स्नान किया।
कुमाऊं और गढ़वाल से ढोल दमाऊं के साथ देव डोलियां लेकर पहुंचे श्रद्धालुओं ने भी हरकी पैड़ी पर अपने देवी-देवताओं को स्नान कराया। वहीं, श्रद्धालुओं ने तिल, उड़द की दाल की खिचड़ी दान की और मांगलिक कार्य संपन्न कराए। वहीं, देवप्रयाग में भी अलकनंदा और भागीरथी के संगम पर श्रद्धालुओं ने देव डोलियों को स्नान कराया।
दिन चढ़ने के साथ ही हरकी पैड़ी पर भीड़ और बढ़ती जा रही है। गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए उत्तर भारत से पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के हरिद्वार पहुंचने की संभावना है। प्रशासन इसे कुंभ के ट्रायल के रूप में ले रहा है। लिहाजा भीड़ के मद्देनजर मेला पुलिस और प्रशासन ने व्यवस्थाएं चाक-चैबंद कर दी हैं।
हरकी पैड़ी समेत सभी घाटों पर मेला और जिला पुलिस के अलावा केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां मुस्तैद रहेंगी। शिवमूर्ति चैराहे से भीमगोड़ा तक बाहरी वाहनों के लिए जीरो जोन रहेगा। स्थानीय लोग और व्यापारी निजी व आवश्यक कार्यों के लिए दोपहिया वाहनों से आवाजाही कर सकेंगे।
मकर संक्रांति को सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। शास्त्रों की मान्यता के अनुसार, मकर संक्रांति पर गंगा स्नान का बड़ा महत्व है। हर साल उत्तर भारत से लाखों श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचते हैं। हालांकि, इस बार कोरोना संक्रमण के कारण भीड़ कुछ कम जुटने की संभावना जताई जा रही है। फिर भी पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावनाओं को देखते हुए व्यवस्थाएं की गई हैं।
हरकी पैड़ी क्षेत्र के सभी घाटों को चमका दिया गया है। महिला श्रद्धालुओं के लिए हरकी पैड़ी क्षेत्र के प्लेटफार्म पर रेडिमेड चेजिंग रूम लगाए गए हैं। श्रद्धालुओं को गंगा आरती दर्शन के लिए चार डिस्प्ले भी लगाए गए हैं। घाटों पर एटीएस, डॉग स्क्वायड, एसटीएफ और पैरमिलिट्री के जवान निगरानी रखे हुए हैं।