दूसरे साल भी लग सकता है ग्रहण, पुलिस-प्रशासन को सरकारी आदेश का इंतजार

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कोरोनाकाल में लगातार दूसरे साल भी कांवड़ यात्रा पर संशय बना हुआ है। चारधाम यात्रा के अलावा कांवड़ यात्रा से स्थानीय कारोबारियों को काफी उम्मीद रहती है। छह अगस्त को सावन मास की शिवरात्रि है। इससे डेढ़ माह पहले ही पुलिस-प्रशासन की कांवड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। वर्तमान हालातों को देखकर नहीं लगता कि इस बार भी सरकार कांवड़ यात्रा की अनुमति देगी।

कांवड़ यात्रा में कुंभ की तरह श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है
सावन माह में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा में कुंभ की तरह श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। व्यापारियों को कांवड़ यात्रा का इंतजार रहता है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, यूपी समेत कई राज्यों से कांवड़िये हरिद्वार पहुंचते हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते लगातार दूसरे साल भी कांवड़ यात्रा शुरू करने पर संशय बना है।

अभी सरकार से कोई आदेश नहीं मिला

कांवड़ यात्रा को लेकर जिला प्रशासन डेढ़ माह पूर्व अपनी तैयारियों में जुट जाता था। इस दौरान पड़ोसी राज्यों के प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से बातचीत कर रूट मैप, डायवर्जन आदि तैयार किया जाता रहा है।

जिला प्रशासन ने अभी तक कोई पहल शुरू नहीं की
इस बार जून के 23 दिन बीतने के बाद भी कांवड़ यात्रा को लेकर जिला प्रशासन ने अभी तक कोई पहल शुरू नहीं की है। एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस का कहना है कि अभी सरकार से कोई आदेश नहीं मिला है। सरकार से आदेश मिलने के बाद तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी।

कारीगरों को भी मिलता है काम 
कांवड़ यात्रा से होटल, धर्मशालाओं, दुकानदारों के अलावा कांवड़ बनाने वालों को राहत मिलती है। पंतद्धीप पार्किंग, रोडीबेलवाला और अपर रोड पर कांवड़ बनाई जाती है। कारीगरों की आजीविका कांवड़ बनाने पर ही निर्भर है।

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