रूद्रप्रयाग। द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर के कपाट सोमवार 20 मई को खुलेंगे, जबकि तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट शुक्रवार 10 मई को देश विदेश के भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
पौराणिक परंपराओं के अनुसार बैसाखी के शुभ अवसर पर पंचकेदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में यज्ञ हवन के पश्चात विधि -विधान तथा पंचांग गणना पश्चात आचार्य गणों- वेदपाठियों के द्वारा मंदिर समिति अधिकारियों – हकहकूकधारियों की उपस्थिति में कपाट खुलने की तिथि निश्चित हुई।
श्री तुंगनाथ जी के कपाट खुलने की तिथि शीतकालीन गद्दी स्थल श्री मार्कंडेय मंदिर ऊखीमठ में पूजा-अर्चना पंचाग गणना के पश्चात तय हुई। बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि श्री मद्महेश्वर जी के कपाट खुलने के कार्यक्रमानुसार श्री मदमहेश्वर जी की उत्सव डोली बृहस्पतिवार 16 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर प्रांगण में विराजमान होगी।
17 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर में विश्राम तथा 18 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से प्रस्थानकर प्रवास हेतु राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंचेगी। 19 मई को रांसी से रात्रि विश्राम हेतु गौडार पहुंचेगी। 20 मई को गौडार से प्रात:काल श्री मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली श्री मदमहेश्वर मंदिर परिसर पहुंचेगी। इसी दिन सोमवार 20 मई पूर्वाह्न 11.15 बजे कर्क लग्न में श्री मदमहेश्वर मंदिर के कपाट खुलेंगे।
इसी तरह श्री तुंगनाथ जी की उत्सव डोली मंगलवार सात मई को श्री मार्कंडेय मंदिर से भूतनाथ मंदिर में प्रवास करेगी। 9 मई को भूतनाथ मंदिर से चलकर चोपता प्रवास करेगी। 10 मई को चोपता से श्री तुंगनाथ पहुंचेगी तथा इसी दिन 10 मई दिन 12 बजे कर्क लग्न में श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट खुलेंगे।
द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट की तिथि घोषित होने के समय आज बीकेटीसी सदस्य श्रीनिवास पोस्ती, आरसी तिवारी, देवानंद गैरोला, थाना प्रभारी मुकेश चौहान,स्थानीय हक हकूकधारी पंच गौंडारवासी, सहिज पुजारी शिवशंकर लिंग वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवाण एवं यदुवीर पुष्पवान,धर्माचार्य औकार शुक्ला, वेदपाठी यशोधर मैठाणी, विश्वमोहन जमलोकी स्वयंबंर सेमवाल,पुजारी बागेश लिंग, टी गंगाधर लिंग, कुलदीप धर्म्वाण एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद रहे।
श्री तुंगवाथ जी के शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में इस दौरान मठापति रामप्रसाद मैठाणी,प्रबंधक बलबीर नेगी,पुजारी प्रकाश मैठाणी, विनोद मैठाणी सहित मंदिर समिति के अधिकारी कर्मचारी एवं स्थानीय हक- हकूकधारी मौजूद थे।