पर्यटन मंत्री के बयान पर भड़के तीर्थ पुरोहित,सभी जगहों पर प्रदर्शन

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मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कुर्सी संभालने के बाद एलान किया था कि देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार किया जाएगा। इससे देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहित और पंडा समाज ने राहत की सांस ली थी। तब से लगातार इस दिशा में कोई फैसला होने की उम्मीदें बनी हुई थीं। लेकिन सोमवार को पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने मीडिया से वार्ता में कहा था कि देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार नहीं होगा। उनके इस बयान के बाद से अब फिर विरोध के सुर उठने लगे हैं।उत्तराखंड के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार नहीं करने के बयान से तीर्थ पुरोहितों में रोष पैदा हो गया है। गंगोत्री धाम में तीर्थ पुराहितों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और पुतला फूंका। वहीं, चमोली में भी तीर्थ पुरोहितों ने पर्यटन मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी की। उधर, यमुनोत्री धाम में भी तीर्थ पुरोहितों ने पर्यटन मंत्री के बयान की निंदा करते हुए प्रशासन के माध्यम से सीएम को पत्र भेजा है।तीर्थ पुरोहित दीपक सेमवाल, राकेश सेमवाल और राजेश सेमवाल का कहना है कि सीएम ने देवस्थानम बोर्ड पर दोबारा विचार करने की बात कही थी। लेकिन अब मंत्री कह रहे हैं कि इस पर पुनर्विचार नहीं होगा।पर्यटन मंत्री की मंशा बोर्ड को लेकर ठीक नहीं है। तीर्थपुरोहितों ने चेतावनी दी की अगर तत्काल बोर्ड को भंग नहीं किया गया तो चारों धामों के तीर्थ पुरोहित उग्र आंदोलन करेंगे। इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। उन्होंने कहा कि सरकार के लिए यह दुर्भाग्य की बात है कि पहली बार किसी धाम में पुतला दहन किया गया है।

यह सरकार के लिए अच्छे संकेत नहीं है। सतपाल महाराज धर्म के प्रचार प्रसार में लगे रहते हैं। लेकिन आज वे देवस्थानम बोर्ड का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने सीएम से पर्यटन मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की।

पूर्व की व्यवस्थाओं को लागू करने की मांग
उत्तराखंड देवस्थानम बोर्ड को लेकर पंडा पुरोहित और हक हकूकधारी विरोध कर रहे हैं। वे इसे अपने अधिकारों के साथ धामों की संस्कृति और परंपराओं के खिलाफ बता रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार को देवस्थानम बोर्ड को तत्काल भंग कर पूर्व की व्यवस्थाओं को लागू करना चाहिए।

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