प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ यात्रा को कांग्रेस ने राजीनीतिक मार्केटिंग करार दिया है, जिसके जवाब में कांग्रेस नेता और कार्यकर्तायों प्रदेश के हर जिले में स्थित 12 शिवालयों में जलाभिषेक किया। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ दौरे के जवाब में हरिद्वार के कनखल में तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर में रुद्राभिषेक किया। इस अवसर पर हरीश रावत का मंदिर के पुजारियों ने स्वागत किया। उन्होंने तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर से दक्षेश्वर महादेव मंदिर तक पदयात्रा भी की।
जानकारी के मुताबिक इस दौरान जलाभिषेक में केदारनाथ से लाए गए जल और गंगाजल का प्रयोग किया गया। पूजा-अर्चना की गई। इसके साथ ही भाजपा को सनमती दे भगवान भजन गाया गया। कैलाश खैर के गाए भजन को भी गाया गया।
पीसीसी अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने बताया है कि पांच नवंबर को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने क्षेत्र के शिवालयों को जलाभिषेक से शिवलिंगों को अभिभूषित किया।पूर्व सीएम और कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री केदारनाथ पधारें, बार-बार पधारें, यह उनकी श्रद्धा का विषय है। मगर केदारनाथ जी के नाम पर राजनीति की मार्केटिंग का उत्तर तो देना ही पड़ेगा। उन्होंने अपने कार्यकाल में अधूरे कामों के लिए भगवान से क्षमा याचना भी की है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि आज की सत्ता ने राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास तो किया मगर उन विकास कार्यों को अंजाम नहीं दिया, जो केदारपुरी की सुरक्षा और सुगमता के लिए आवश्यक हैं।नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री केदारनाथ यात्रा सिर्फ राजनीतिक यात्रा है। उन्होंने कहा कि वह पांच नवंबर को केदारनाथ पहुंचे हैं। 2013 में केदारनाथ में आई आपदा के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने आपदा से निपटने के लिए आठ हजार करोड़ का राहत पैकेज स्वीकृत किया था। उसमें से लगभग चार हजार करोड़ रुपये अवमुक्त भी हुए थे।
परंतु जो शेष राशि थी, उसे भाजपा की केंद्र सरकार ने आज तक रिलीज नहीं किया है। कहा कि नैनीताल आपदा के बाद गृहमंत्री के दो बार उत्तराखंड आने के बाद भी अब तक कोई राहत पैकेज जारी नहीं किया। प्रधानमंत्री की केदारनाथ यात्रा सिर्फ राजनीतिक यात्रा है, उन्हें उत्तराखंड में अब कुछ हासिल नहीं होने वाला है।