हर की पैड़ी पर बह रही गंगा की धारा को अब फिर अविरल गंगा का दर्जा मिल गया है। इसको एस्केप चैनल घोषित करने वाले पूर्व कांग्रेस सरकार के आदेश को प्रदेश सरकार ने संशोधित कर दिया है। जारी आदेश के जरिए एस्केप चैनल शब्द को हटा दिया गया है।
कांग्रेस काल में जारी आदेश पर क्षुब्ध और आंदोलित साधु-संत समाज ने इसे गंगा की खोई पहचान को वापस मिलना करार दिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कुछ दिन पूर्व संतों के बीच 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के समय जारी शासनादेश को बदलने की घोषणा की थी।
बुधवार को सचिव आवास शैलेश बगौली ने संशोधित आदेश जारी किया। आदेश के जारी होने के साथ ही हर की पौड़ी पर एस्केप चैनल को लेकर चले आ रहे विवाद के थम जाने के आसार हैं। महाकुंभ के आयोजन से पूर्व एस्केप चैनल को लेकर संत समाज के नाराजगी से सरकार चिंतित थी। हालांकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने संतों के बीच एस्केप चैनल का आदेश रद्द करने का आश्वासन दिया था।