प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तपस्थली गरुड़चट्टी से जल्द जुड़ेगी केदारनाथ धाम

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रुद्रप्रयाग। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तपस्थली गरुड़चट्टी जल्द ही केदारनाथ धाम से जुड़ जाएगी। पुनर्निर्माण कार्यों के तहत धाम में मंदाकिनी नदी पर 60 मीटर स्पान पुल के दोनों एंबेडमेंट का निर्माण इस दिसंबर तक पूरा कर मार्च 2021 तक पुल से आवाजाही शुरू हो जाएगी।

16/17 जून 2013 की आपदा में केदारनाथ में भारी तबाही हुई थी। मंदाकिनी के सैलाब में गरुड़चट्टी को केदारपुरी से जोड़ने वाला पुल बह गया था। रामबाड़ा के ध्वस्त होने व पैदल मार्ग भी तबाह होने से गरुड़चट्टी का दो तरफा संपर्क कट गया। तब से यह क्षेत्र वीरान है।

भू-वैज्ञानिकों के सर्वेक्षण के बाद अक्तूबर 2017 में मंदाकिनी नदी के दूसरे छोर से गरुड़चट्टी तक लगभग साढ़े तीन किमी लंबा नया पैदल मार्ग बनाया गया। मार्ग को केदारनाथ से जोड़ने के लिए जून 2018 में 60 मीटर स्पान पुल का निर्माण शुरू किया गया।

चार करोड़ की लागत से बन रहे पुल का एक एंबेडमेंट तैयार हो गया है। जबकि दूसरे का कार्य जोरों पर चल रहा है। दिसंबर तक पुल के एंबेडमेंट व साइड वॉल का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

फरवरी 2021 में पुल बनकर तैयार हो जाएगा
मौसम ने साथ दिया तो फरवरी 2021 में पुल बनकर तैयार हो जाएगा। जबकि मार्च से आवाजाही शुरू हो जाएगी। आगामी केदारनाथ यात्रा में गरुड़चट्टी तक श्रद्धालुओं की पहुंच से सात वर्ष से चला आ रहा सन्नाटा भी खत्म हो जाएगा।

आपदा से पूर्व केदारनाथ यात्रा में गरूड़चट्टी बाबा केदार के भक्तों का प्रमुख ठौर हुआ करता था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अस्सी के दशक में गरुड़चट्टी में डेढ़ माह तक साधना की थी। बीतेे तीन वर्षों में चार बार केदारनाथ भ्रमण पर आए प्रधानमंत्री ने गरुड़चट्टी का प्रमुखता से उल्लेख किया था।

मंदाकिनी नदी पर 60 मीटर स्पान पुल के दोनों एंबेडमेंट का निर्माण दिसंबर तक पूरा कर दिया जाएगा। जरूरी औपचारिकताएं समयबद्ध पूरी कर मार्च 2021 से पुल से आवाजाही शुरू हो जाएगी।
– प्रवीण कर्णवाल, अधिशासी अभियंता, डीडीएमए-लोनिवि, गुप्तकाशी।

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