बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोलने के कार्यक्रम तय हो गए हैं। 21 अप्रैल को डिम्मर गांव से पदाधिकारी ऋषिकेश पहुंचेंगे। इसके बाद गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा 22 अप्रैल को नरेंद्रनगर राजदरबार से शुरू होगी। विभिन्न पड़ावों से होते हुए तेल कलश यात्रा तीन मई को आदिगुरु शंकराचार्य गद्दी, उद्धव, कुबेर की उत्सव डोली और रावल (बदरीनाथ के मुख्य पुजारी) के साथ बदरीनाथ धाम पहुंचेगी।
चार मई को प्रात:काल में बदरीनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारी तथा सदस्य 21 अप्रैल की शाम को डिम्मर गांव से ऋषिकेश में बीकेटीसी की धर्मशाला पहुंचेंगे।
4 मई को प्रात: 6 बजे खुलेंगे मंदिर के कपाट
22 को वे राजदरबार नरेंद्रनगर पहुंचेंगे जहां सांसद/रानी माला राज्यलक्ष्मी शाह सहित सुहागिन महिलाएं परंपरानुसार तिलों का तेल पिरोएंगी। इसी दिन शाम को राजा मनुजयेंद्र शाह तेल कलश यात्रा को बदरीनाथ धाम के लिए रवाना करेंगे। विभिन्न पड़ावों से होते हुए गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा 30 अप्रैल को गरुड़ गंगा पाखी पहुंचेगी। यहां पूजा-अर्चना के बाद 1 मई को यात्रा ज्योतिर्मठ स्थित नृसिंह मंदिर पहुंचेगी।
दो को गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा, आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी व रावल अमरनाथ नंबूदरी के साथ योगबदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचेगी। तीन को पांडुकेश्वर से उद्धव व कुबेर की उत्सव डोली, आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी, तेल कलशयात्रा व बदरीनाथ के रावल बदरीनाथ धाम पहुंचेंगे। रविवार 4 मई को प्रात: 6 बजे बदरीनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इसी के साथ बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा का शुभारंभ हो जाएगा।