चारधाम यात्रा में प्रतिदिन तय की गई तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़वाने के लिए सरकार फिर से हाईकोर्ट जाएगी। याचिका दाखिल कर सरकार कोर्ट से तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ाने का आग्रह करेगी। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में सीमित संख्या तय होने के कारण कई तीर्थयात्रियों को बिना दर्शन किए ही वापस लौटना पड़ रहा है।
बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहितों की ओर से चारधाम यात्रा के लिए स्थानीय लोगों के पंजीकरण की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग की गई थी। कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के लिए सरकार ने कोर्ट के दिशा-निर्देश पर प्रतिदिन के हिसाब से चारों धामों के लिए तीर्थ यात्रियों की संख्या तय कर दी थी। बदरीनाथ में एक हजार, केदारनाथ में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 यात्रियों की अधिकतम संख्या (प्रतिदिन) तय है। देवस्थानम बोर्ड की ओर से तय संख्या के आधार पर दर्शन के लिए ई-पास जारी किए जा रहे हैं।
प्रदेश में चारधाम यात्रा 18 सितंबर को शुरू हुई थी, रविवार तक 17552 तीर्थयात्री चारों धामों के दर्शन कर चुके हैं। 15 अक्तूबर तक चारों धामों में इस संख्या के आधार पर पंजीकरण फुल हो चुके हैं। इसी समस्या से पार पाने के लिए अब सरकार ने फिर हाईकोर्ट जाने का मन बना लिया है। सरकार कोर्ट से आग्रह करेगी कि तीर्थयात्रियों का रुझान और उनकी समस्याओं को देखते हुए प्रतिदिन के लिए तय अधिकतम संख्या को बढ़ा दिया जाए।
चारों धामों में सीमित संख्या होने से कई तीर्थ यात्री बिना दर्शन के वापस लौट रहे हैं। यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए कोर्ट से आग्रह किया जाएगा। इसके लिए जल्द याचिका दायर की जाएगी।
– सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री, उत्तराखंड