देहरादून : 24 एकादशी का व्रतफल पाने के लिए आज निर्जला एकादशी व्रत रखा जा रहा है। इस दौरान भगवान विष्णु की पूजा की जा रही है। सुख-शांति और मोक्ष की कामना करने के बाद जरूरतमंदों को दान देकर पुण्य अर्जित करेंगे। पूजा का शुभ मूहुर्त सुबह 5:18 से 5: 47 बजे तक रहेगा।
सनातन धर्म के अनुसार ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला (बिना पानी का उपवास) एकादशी मनाई जाती है। इस दिन बिना अन्न-जल ग्रहण किए महिलाएं उपवास रखती हैं। साधक भगवान विष्णु की पूजा और व्रत उपासना करते हैं।
समस्त एकादशियों में सबसे ज्यादा महत्व
उत्तराखंड विद्वत सभा के प्रवक्ता आचार्य बिजेंद्र प्रसाद ममगाईं के अनुसार, निर्जला एकादशी व्रत का समस्त एकादशियों में सबसे ज्यादा महत्व है। इस बार शुक्रवार सुबह 7:47 बजे से एकादशी तिथि शुरु हुई जो शनिवार शाम 5:45 तक रहेगी। दरअसल पंचांग के अनुसार तिथि अगर सूर्योदय से पहले लग रही है तो उसे उदया तिथि कहते हैं। सूर्योदय के बाद लगने वाली तिथि अगले दिन ही मानी जाती है। ऐसे में 11 जून को ही एकादशी मानी जाएगी।
निर्जला एकादशी व्रत विधि
निर्जला एकादशी के दिन सुबह-सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण कर भगवान विष्णु का ध्यान करें। पीला वस्त्र धारण करें तो ज्यादा अच्छा होगा। भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं। अब भगवान विष्णु को तुलसी और पीला पुष्प अर्पित करें। मन से ध्यान करें और निर्जला एकादशी की व्रत की कथा सुनें या पढ़ें। निर्जला एकादशी के दिन भर बिना जल के व्रत रखें और व्रत के सभी नियमों का पालन करें।
बाजार में देर शाम तक की खरीदारी
पूजा की तैयारियों के लिए शुक्रवार दोपहर से ही देहरादून के हनुमान मंदिर चौक, पलटन बाजार में पूजा की दुकानों के बाहर लोगों की भीड़ रही। इसके साथ ही सहारनपुर चौक, पटेलनगर में लोगों ने खरबूजे, चकराता रोड स्थित बिंदाल पुल के पास घड़ा, सुराही और खजूर की छाल से बने पंखे की खरीदारी की।